अमरावतीमहाराष्ट्र

चारित्र्यवान समाज निर्माण के लिए सुसंस्कार शिविर जरूरी

प्रमोद पोकले ने किया मार्गदर्शन

* शिविर में 190 विद्यार्थी सहभागी
गुरुकुंज मोझरी/दि.15– जीवन में सफलता के लिए सिर्फ स्कूली शिक्षा ही काफी नहीं है, बल्कि अच्छे संस्कार भी उतनेही जरूरी हैं और यही सद्गुण सर्वांगीण सुसंस्कार शिविरों के माध्यम से बच्चों को दिए जाते हैं, चूंकि ऐसे शिविर भारत के उज्ज्वल भविष्य के चारित्र्यवान समाज का निर्माण कर रहे हैं, ऐसा कथन दूरदर्शन व आकाशवाणी लोक-कलाकार तथा भजन गायक प्रमोद पोकले ने किया.
राष्ट्रसंत अध्यात्म केंद्र, दासटेकड़ी गुरुकुंज-मोझरी में श्रीगुरुदेव राष्ट्रधर्म प्रचार समिति द्वारा आयोजित सुसंस्कार शिविर में वे बोल रहे थे. 1 मई से शुरू हुए इस शिविर में पूरे विदर्भ से 190 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है. आदर्श दिनचर्या में सुबह 4.30 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक बौद्धिक, व्यायाम एवं भजन-संगीत विषयों के माध्यम से संतों-महापुरुषों की जीवनियां, समूह ध्यान-प्रार्थना, आदर्श दिनचर्या, आज्ञाकारिता, श्रमदान, अनुशासन, शिस्त, निर्भयता, देश-प्रेम, स्वावलंबन, बड़ों के प्रति सम्मान के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर भजन, श्लोक, ग्रामगीता तत्त्वज्ञान आदि सिखाए जा रहे हैं.

आचार्य हरिभाऊ वेरूलकर गुरुजी के मार्गदर्शन में, शिविर प्रमुख हभप शिवदास महाराज श्रृंगारे, भजन-शिक्षक गोपाल सालोडकर, रूपेश मोरे, रवींद्र ढवले, योगेश मेंढे, गणेश दरवरे, मयूर इंगले, श्रीकृष्ण पखाले, अरुण फंदे, कमलेश राऊत, प्रथमेश राऊत, शुभम तड़के और रवीन्द्र वानखड़े, भिकाजी तायडे आदि व्यवस्थापन के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं.

Related Articles

Back to top button