खारपान पट्टे वाले इलाकों के जल्द आएंगे ‘अच्छे दिन’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया आश्वस्त
* बोराला में बन रहे मीठे पानी के प्रकल्प का किया मुआयना
* क्षेत्र के 355 गांवों को लाभ मिलने की बात कही
दर्यापुर/दि.12 – बोराला में बन रहे मीठे पानी के पायलट प्रोजेक्ट की वजह से इस क्षेत्र में खारेपानी की समस्या हल होगी और इस क्षेत्र के करीब146 गांवों को पीने हेतु पर्याप्त मात्रा में मीठा पानी उपलब्ध होगा. साथ ही इस क्षेत्र में संतरे व अन्य फलों का उत्पादन भी बढेगा. इसके अलावा क्षेत्र के किसान 2 से 3 फसले लेने के साथ-साथ खारे पानी में झिंगे की खेती भी कर सकेंगे. जिसके चलते इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता से क्षेत्र के अच्छे दिन आएंगे और यहां से खारे पानी के पट्टे वाले इलाकों के लिए नई राह खुलेगी, क्योंकि इसके बाद तीन जिलों में इसी तर्ज पर 9 से 40 प्रकल्प निर्माण करते हुए राज्य को खारे पानी की समस्या से मुक्त किया जाएगा. इस आशय का प्रतिपादन केंद्रीय भुतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्बारा किया गया.
बता दें कि, दर्यापुर तहसील अंतर्गत बोराला में खारे पानी को मीठे पानी में बदलने हेतु पायलट प्रोजेक्ट साकार किया जा रहा है. जिसके लिए राज्य सरकार ने डेढ करोड रुपए की निधि उपलब्ध कराई है. इस प्रकल्प के चलते बोराला सहित आराला, अजितपुर व जसापुर इन 4 गांवों में खेती के लिए मीठा पानी मिलेगा. साथ ही ठिंबक सिंचन योजना चलाने पर ज्यादा भूभाग में खेती-किसानी के लिए मीठा पानी साल भर उपलब्ध होगा. जिले में 355 तथा दर्यापुर तहसील में 146 गांव खारपान वाले पट्टे में है, ऐसे में प्रायोगिक प्रकल्प के लिए दर्यापुर तहसील के लिए बोराला गांव का चयन किया गया है. जहां पर साकार किए जा रहे प्रकल्प का गत रोज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुआयना किया. इस अवसर पर वे अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.
इस समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ सांसद डॉ. अनिल बोंडे, सांसद नवनीत राणा, विधायकद्वय प्रवीण पोटे पाटिल व बलवंत वानखडे, भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर, जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी, सरपंच वनीता वसू, विभागीय आयुक्त डॉ. निधि पांडेय, जिलाधीश विजय भाकरे, एसपी अविनाश बारगल, कृषि अधिकारी भाग्यश्री अडपावार, प्रकल्प के मार्गदर्शक सुरेश खानापुरकर उपस्थित थे. बोराला मेें साकार हो रहे प्रकल्प का मुआयना करते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि, पश्चिम विदर्भ के अमरावती, अकोला व बुलढाणा जिले में तीन हजार वर्ग किमी क्षेत्र में नमकीन पानी की समस्या है जो पीने तथा खेती के लिए उपयुक्त नहीं है. इस पर उपाययोजना के तौर पर पूर्व भूजल वैज्ञानिक खानापुर के मार्गदर्शन में यह प्रकल्प चलाया जा रहा है. प्रकल्प के लिए पास में ही बांध बनाकर बारिश का मीठा पानी जमा किया जाएगा. यह पानी पीने के लिए व खेती के लिए सिर्फ 50 फिट गहराई पर उपलब्ध कराया जाएगा. इसका लाभ बोराला के साथ आराला, अजीतपुर व जसापुर इन चार गांवों को मिलेगा. उपलब्ध नमकीन पानी में मछलियों की पैदावार की जाएगी. मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि, राजस्थान के गंगा नगर में ऐसा उपक्रम सफलतापूर्वक किया गया है. क्षार पानपट्टे में कुल 894 गांवों का समावेश है, जिसमें अमरावती जिले के 355, अकोला के 373 तथा बुलढाणा जिले के 166 गांवों का समावेश है. इस क्षेत्र में जमीन से 5 फिट तक काली मिट्टी है. उसके बाद 25 से 30 फिट पर पीली मिट्टी, उसके पश्चात 15-20 फिट रेती और फिर से पीली मिट्टी है. पीली मिट्टी से पानी नहीं मिलता. प्रकल्प के आसपास 500 से 1000 फिट की गहराई पर 6 ट्यूबवेल बनाए गए हैं. वहां 50 फिट की गहराई पर पर्याप्त मीठा पानी उपलब्ध होगा. फिलहाल रेती में छिपा नमकीन पानी बाहर निकाला जा रहा है. बारिश का पानी जब बांध में जमा होगा, तब वहां से मीठा पानी आना शुरू होगा. ऐसी जानकारी भूजल वैज्ञानिक खानापुर ने दी.