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निजीकरण से पब्लिक को अच्छी सेवा

अमरावती के सांसद और विधायक की राय

* मामला सुपर स्पेशालिटी में बडी जांच निजी हाथों में सौंपने का
अमरावती/दि.14 – विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल में एमआरआई, सिटीस्कैन और अन्य बडी जांच के साथ गुर्दा मरीजों के डायलिसिस का जिम्मा निजी कंपनियों को सौंपा जा रहा है. जिसके पीछे शासन का मकसद गरीबों को नि:शुल्क किंतु अच्छी और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा देना बताया गया है. इस बारे में अमरावती मंडल ने सोमवार को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था. जिस पर अमरावती की सांसद और विधायक ने सरकारी कदम की सराहना की. दोनों ने ही कहा कि, गरीब रुग्णों को अच्छी सेवा मिलना चाहिए. सरकार उसका भुगतान कर रही है, यह स्वागतयोग्य है. दूसरी तरफ कामरेड तुकाराम भस्मे ने निजीकरण का विरोध कर कहा कि, इससे नये प्रकार का घोटाला होगा. सरकार की मंशा गरीबों के बहाने कार्पोरेट कंपनियों तक पैसा पहुंचाने की लगने का आरोप भी भस्मे ने किया.
* क्या होने जा रहा है?
महाराष्ट्र के अनेक जिला अस्पतालों, सरकारी डायलिसिस केंद्रों को मशिनरी और सेवा के लिए निजी कंपनियों को जिम्मेदारी दी जा रही है. दो कंपनियों को ठेका दिया गया है. अमरावती के सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में सिटी स्कैन का रिपोर्ट का जिम्मा निजी कंपनी कृष्णा का ेदिया गया है, जो ऑनलाइन रुप से रिपोर्ट दे रही है. जिसके आधार पर आगे का उपचार किया जाता है.

* गरीबों को बेस्ट उपचार की फेसिलिटी
सांसद नवनीत राणा ने महाराष्ट्र शासन के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि, हमारी सरकार सदैव गरीबों के हित में निर्णय कर रही है. सरकारी अस्पताल में मशीनों से जांच और उसकी रिपोर्ट का जिम्मा निजी कंपनियों को देने का निर्णय भी स्वागतयोग्य कहा जा सकता है. नवनीत राणा ने कहा कि, अब तक सरकारी अस्पतालों में लाखों करोडों की मशीनें खराब पडी रहती थी. 4-4 दिनों तक निर्धन रुग्णों को रिपोर्ट नहीं मिलती थी. उससे छूटकारा मिलेगा. निजी कंपनियां सरकारी खर्च पर गरीबों का आधुनिक मशीनों से निदान करेगी. रिपोर्ट देगी. साफ है कि, उनका उपचार बेहतर हो सकेगा.

* अच्छी सेवा, सुविधा मिलेगी
शहर की विधायक सुलभा खोडके ने भी शासकीय निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि, सामान्य लोगों को नि:शुल्क अच्छी सेवा तथा सुविधा मिलेगी. अब तक उन्हें जांच के लिए सरकारी अस्पताल से बाहर भेज दिया जाता था. अब विश्वास है कि, कंपनी अच्छी सेवा देगी. पदभर्ती नहीं हो पा रही थी. इसलिए भी सरकार को निर्णय लेना पडा होगा. सिटी स्कैन और एमआईआर जैसी महंगी जांच हर कोई नहीं करवा पाता. उन्हें अब सरकारी और विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल जैसे स्थान पर नि:शुल्क जांच की सुविधा मिलने जा रही है. यह स्वागतयोग्य है. आखिर सामान्य व्यक्ति को उपचार की सुविधा मिलनी चाहिए.

* मेडिकल इंश्योरंस के नाम पर होगी लूट
भाकपा के महासचिव कामरेड तुकाराम भस्मे ने सरकारी निर्णय की आलोचना की. उन्होंने कहा कि, निजीकरण करने की राह पर सरकार चल पडी है. निजी कंपनियों को सरकार को पालना है. भस्मे ने कहा कि, प्रैक्टीशनर को सहूलियत हो गई. इससे मेडिकल बीमा के नाम पर लूट-खसोट बढेगी. उन्होंने कहा कि, इस देश में गरीब के नाम पर यही चल रहा है. अस्पताल सरकार का है. जगह सरकार की है, वहां सामान्य आदमी उपचार के लिए आते हैं. तब निजी कंपनियों को मशीनें लगाने का काम क्यों दिया जा रहा है. सरकार को ही अपनी व्यवस्था करनी चाहिए थी. बजट बढाना चाहिए. फ्री इलाज होना चाहिए.

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