अमरावती

बच्चों के जीवन में अच्छे संस्कार जरुरी

चंद्रकुमार उर्फ लप्पीभैया जाजोदिया का नजरिया

श्री गुरुदेव जीवन विद्या शिविर को दी भेंट
अमरावती/दि.20- राष्ट्रसंत श्री संत तुकडोजी महाराज व्दारा स्थापित अखिल भारतीय श्री गुरुदेव सेवा मंडल व्दारा श्री गुरुदेव जीवन विद्या सुसंस्कार व छंद शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में बच्चों को अपने संस्कारो का जतन कर जीवन जीने की कला सिखायी जा रही है. इस शिविर को हाल ही में दानशूर उद्योजक चंद्रकुमार उर्फ लप्पीभैया जाजोदिया ने भेट दी. इस दौरान लप्पीभैया ने अपने संबोधन में कहा की जीवन में अच्छे संस्कारो का बेहद महत्व है. बचपन में मिले संस्कार ही जीवन में कायम रहते है. बालअवस्था में अच्छे संस्कार मिलने से ही युवावस्था में कदम नहीं डगमगाते. बचपन में अच्छे संस्कार मिलना जरुरी है, ऐसा नजरिया व्यक्त करते हुए उन्होंने श्री गुरुदेव सेवा मंडल तथा श्री क्षेत्र गुरुकुंज मोझरी व्दारा आयोजित किए गए शिविर की सराहना की. आश्रम के पदाधिकारियो ने लप्पीभैया का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत भी किया.
श्री क्षेत्र गुरुकुंज आश्रम में इस सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया गया. स्कूलो को छुट्टी रहने से छोटे बच्चों के लिए इस सराहनीय उपक्रम को चलाया जा रहा है. शिविर में तिवसा, मोझरी सहित आसपडोस के इलाको से सैकड़ो बच्चे सहभागी हुए. बच्चों को सुबह 7 बजे से रात तक हर जरुरी संस्कार सिखाए जा रहे है. बच्चों को अपना उज्वल भविष्य बनाने के लिए किस बात में रुचि रखना चाहिए, इस ओर भी बच्चों को सिखाया जा रहा है. बच्चों को मौनसाधना भी सिखायी गई, जिसके तहत सुबह से शाम तक बच्चे मौन रहे, मौनसाधना से एकाग्रता बढती है. इस सराहनीय शिविर को शहर के सुविख्यात दानशूर उद्योजक तथा समाजसेवी लप्पीभैया जाजोदिया, बोथे गुरुजी, आकाश शिरभाते, अनिकेत जोशी, विजय उताणे ने भेट दी. लप्पीभैया जाजोदिया ने बच्चों को संबोधित किया. जीवन के पहलूओं से अवगत कराया. लप्पीभैया ने अपनी सादगीपूर्ण शैली से बच्चों को सुसंस्कार व छंद शिविर का महत्व बताया. संबोधन के दौरान लप्पीभैया जाजोदिया ने उपस्थित बच्चों से यह सवाल किया की देश की रक्षा करने का अगर मौका मिले तो कौन-कौन सेना में जाना चाहेगा. इस सवाल के जवाब में करीब 70 फीसद बच्चों ने अपने हाथ उठाकर सेना में शामिल होकर देश सेवा की इच्छा जतायी. अन्य 30 फीसद बच्चों ने अलग-अलग क्षेत्र में रुचि दिखायी. इस अवसर पर आश्रम के बोथे गुरुजी सहित अन्य पदाधिकारी, शिक्षक उपस्थित थे.

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