अलविदा जुमा यानी अपने गुनाहों की माफी का दिन; हाफिज सईद अख्तर
रमजान के आखरी जुमा व अलविदा जुमा पर दिखा मस्जिदों में नमाजियों की धूम
शहर की सभी मस्जिदों में दिखी रौनक-ए-रमजान
अमरावती /दि.05– रमजान के आखरी अशरे में एक महिने की कडी इबादत, नमाज और रोजे का इनाम ईद-उल-फित्र के दिन मिलने वाला है. रमजान के महिने में आखरी जुमा का काफी महत्तव रहता है. आज शुक्रवार 5 अप्रेल को अलविदा जुमा होने के कारण शहर जुमा की नमाज के दौरान मस्जिदों में काफी रौनक नजर आई. इसी तरह चांदनी चौक स्थित मरकज अहले सुन्नत मस्जिद मिस्कीन शाह मियां में हजरत मौलाना हाफिज सईद अख्तर नईमी मुरादाबादी ने जुमा का खुतबा पढाया तथा नमाज अदा कराई. अपनी तकरीर के दौरान हाफिज सईद अख्तर ने कहा कि इस्लाम में कभी भी खूनखराबा को महत्तव नहीं दिया जाता, सबसे प्यार महोब्बत के साथ रहने का संदेश इस्लाम देता है. मक्का फतेह के लिए कभी भी किसी जंग का ऐलान नहीं किया गया. बल्कि खून का एक कतरा बहाए बिना ही मक्का फतेह किया गया. जिस इस्लाम में पानी ज्यादा बहाने पर भी पाबंदी है, तो उस इस्लाम में खुन खराबे को महत्तव कैसे दिया जा सकता है. आज का मुसलमान तरक्की के लिए कुछ भी कर सकता है. मगर नमाज पढने के लिए उसके पास समय नहीं है. इसीलिए इंसान को चाहिए की अपने गुनाहों की माफी मांगने के लिए अल्लाह की बारगाह में नमाजे अदा करें. खूब गिडगिडा कर अपने रब से गुनाहों की माफी मांगे, यह आखरी अशरा दोजख के अजाब से बचाने वाला है. इस अशरे में खुद को दोजख की आग से बचाने के लिए खुब दुआएं करें. खुतबा पश्चात 2 रकात जुमा की नमाज अदा करने के बाद बिमारों की तंदुरुस्ती के लिए, बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए, किसानों की अच्छी फसलों के लिए, शहर व मुल्क में अमन-शांति, एकता-भाई चारा, देश की तरक्की के लिए विशेष तौर पर दुआएं की गई. इस समय मस्जिद ट्रस्ट की ओर से सभी मुस्लिम भाईयों को रमजान के आखरी जुमा की मुबारकबाद दी गई. वही अलविदा जुमा की नमाज अदा करने के बाद मुस्लिम बंधुओं व्दारा एक दुसरे के गले मिलकर मुबारकबाद दी गई.
शहर की सभी मस्जिदों में दिखी रौनक
रमजान के अलविदा जुमा के अवसर पर शहर की मरकज अहले सुन्नत मस्जिद मिस्कीन शाह मियां सहित मरकज साबनपुरा मस्जिद, बस स्टैंण्ड रोड स्थित उस्मानिया मस्जिद, कैंप मस्जिद, फ्रेजरपुरा की जामा मस्जिद, चमनशाह वली मस्जिद, नमुना मस्जिद, हैदरपुरा स्थित मक्का मस्जिद, गौसिया मस्जिद आजाद नगर, रजा मस्जिद अंसार नगर, चिश्तिया मस्जिद सेवा दल नगर, गुलिस्ता नगर मस्जिद, ताज नगर मस्जिद, रहेमत नगर 80 फुट रोड की मस्जिदों सहित कई मस्जिदों में नमाजियों की काफी भीड दिखाई दी. वही मस्जिदों में नमाजियों के लिए मस्जिद इंतेजामियां कमेटी की ओर से वजू के लिए पानी, कुलर,पंखे, रोशनी आदि की बेहतरीन व्यवस्था की गई थी.
गरीब बेसहारों की गई मदद
मना जाता है कि रमजान के इस महिने में खैरात, जकात, करने से अल्लाह गुनाहों की मगफिरत करता है. इसके चलते जुमा की नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर बैठे गरीब, बेसहारा, यतीमों की खैरात-जकात व अनाज, कपडे बांट कर खुब मदद की गई.
बाक्स फोटो समीर फोल्डर करीम रिजवी
याद आए मरहुम करीम रिजवी
अलविदा जुमा के अवसर पर जहां सभी अपने मरहुमों के लिए दुआ कर रहे थे. इस समय मस्जिद मिस्कीन शाह के सबसे पुराने विश्वस्त मरहुम अब्दुल करीम रिजवी सभी को बहुत याद आए. बता दें कि मरहुम करीम रिजवी हमेशा ही मस्जिद के सभी कार्यक्रमों व एक्टीविटी को प्रेस के माध्यम से अखबार नविसों तक पहुंचाते रहते थे. चाहे चांद दिखने की खबर हो, ईद की नमाज का समय हो या फिर और कोई कार्यक्रम, प्रेस माध्यम से वे हमेशा सक्रिय रहते थे. वे प्रेस मीडिया को हमेश सहयोग करते रहते थे. जुमा के अवसर उनके लिए भी विशेष दुआ की गई.