अपने ही बिछाये जाल में फंसते दिख रहे गोपाल अरबट
कार पर फायरिंग का मामला अरबट पर ही पड रहा भारी
* शिकायत और तथ्यों में सामने आया जमीन-आसमान का फर्क
* आज-कल में वलगांव पुलिस कर सकती है कोई बडा खुलासा
अमरावती/दि.4 – विगत 1 अक्तूबर को शिंदे गुट वाली शिवसेना के जिला प्रमुख गोपाल अरबट ने वलगांव पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि, वे 30 सितंबर की रात करीब 11.30 बजे के आसपास अपनी इनोवा कार में अकेले ही सवार होकर अमरावती से दर्यापुर की ओर जा रहे थे, तभी रास्ते में स्कार्पियो कार में सवार 3 से 4 अज्ञात लोगों ने उनकी कार को ओवरटेक करते हुए दर्यापुर मार्ग पर उन्हें रुकाने का प्रयास करने के साथ ही उनकी कार पर गोलियां भी चलाई थी. इस शिकायत के साथ ही शिंदे गुट के जिला प्रमुख गोपाल अरबट ने अपनी ही पार्टी के अमरावती में रहने वाले कुछ पदाधिकारियों को लेकर बेहद सनसनीखेज आरोप भी लगाये थे. जिसके चलते अमरावती से लेकर मुंबई तक अच्छी खासी सनसनी मच गई थी. लेकिन अब यह मामला खुद गोपाल अरबट के उपर ही उलटता दिखाई दे रहा है. क्योंकि गोपाल अरबट द्वारा दी गई शिकायत और जांच के दौरान सामने आये तथ्यों मेें काफी फर्क व विरोधाभास सामने आया है. जिसकी वजह से गोपाल अरबट अब अपने ही द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत को लेकर इस मामले में फंसते व उलझते दिखाई दे रहे है. इसी बीच यह जानकारी भी सामने आयी है कि, इस मामले को लेकर वलगांव पुलिस ने अपनी जांच को पूरा कर लिया है. जिसके बाद आज या कल में वलगांव पुलिस द्वारा पूरे मामले को लेकर कोई बडा खुलासा किया जा सकता है.
बता दें कि, गोपाल अरबट ने विगत 1 अक्तूबर को वलगांव पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि, वे विगत 30 सितंबर को अपनी इनोवा कार लेकर दर्यापुर से अकेले ही अमरावती आये थे और यहां से रात 11 बजे के आसपास कार में अकेले ही सवार होकर दर्यापुर जाने हेतु रवाना हुए थे. लेकिन मामले के जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि, उस दिन गोपाल अरबट के साथ कार में उनका ड्राइवर बंडू इंगोले भी मौजूद था तथा कार को बंडू इंगोले ही चला रहा था, यह जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने 3 सितंबर को गोपाल अरबट तथा उनके ड्राइवर बंडू इंगोले की मोबाइल लोकेशन को खंगाला, तब पता चला कि, उस दिन वाकई में बंडू इंगोले और गोपाल अरबट के मोबाइल लोकेशन पूरा दिन एकसाथ दिखाई दे रहे थे तथा दोनों मोबाइल के लोकेशन दिन के समय दर्यापुर से अमरावती की ओर आते व रात के समय अमरावती से दर्यापुर की ओर जाते दिखाई दिये. लेकिन गोपाल अरबट के मोबाइल का लोकेशन बीच रास्ते में उसी स्थान पर रुक गया, जहां पर गोपाल अरबट द्वारा अपनी कार पर फायरिंग होने की बात कही गई, वहीं बडू इंगोले का मोबाइल लोकेशन दर्यापुर की ओर आगे बढने के बाद स्वीच ऑफ हो गया. ऐसे में पुलिस ने बंडू इंगोले की खेाजबीन करनी शुरु की थी, जो अचानक ही गायब हो गया था और करीब तीन दिन बाद पुलिस के हत्थे चढा. ऐसे में बंडू इंगोले से पूछताछ करने के साथ ही वलगांव पुलिस अब इस बात का पता लगा रही है कि, आखिर गोपाल अरबट ने घटना के समय अपनी कार में खुद के अकेले रहने का झूठ क्यों बोला.
इसके साथ ही गोपाल अरबट द्वारा पुलिस को यह बताया गया था कि, काले रंग की स्कार्पियो कार में सवार होकर आये तीन लोग रास्ते में एक स्थान पर कार से नीचे उतरकर रुके हुए थे. जिन्होंने अरबट को भी रुकने का इशारा किया था, लेकिन उन तीन लोगों में से एक व्यक्ति के हाथ में पिस्तौर जैसा हथियार दिखाई देने के चलते अरबट ने अपनी कार की रफ्तार बढा दी. ठीक उसी समय उनकी कार पर एक-एक कर तीन गोलीयां चलाई गई. शिकायत में कहीं गई इस बात को लेकर भी पुलिस ने तथ्यों में फर्क पाया है. गोली के निशान को देखकर पुलिस ने प्राथमिक अनुमान लगाया है कि, फायरिंग संभवत: देशी कट्टे जैसे किसी हथियार से की गई. जिससे अमूमन एक समय में एक ही गोली चलाई जा सकती है और दूसरी गोली को लोड करने में थोडा वक्त लगता है. ऐसे में देशी कट्टे से एक स्थान पर खडे होकर चलती कार पर तीन गोलियां दागना बिल्कुल संभव नहीं है. साथ ही यदि फायरिंग पिस्तौल या रिवॉल्वर जैसे किसी हथियार से भी की जाती है, तो भी चलती कार पर एक ही जगह के आसपास तीन गोलियां मारना काफी मुश्किल हो सकता है. ऐसी स्थिति में गोपाल अरबट की कार पर एक या दो गोली कंड्रक्टर साइड पर लग सकती थी. वहीं तीसरी गोली ने इनोवा कार के पिछले हिस्से में लगना चाहिए था. लेकिन गोपाल अरबट की इनोवा कार पर एक गोली कंडक्टर साइड के शीशे को तोडकर नीचे की ओर गई, यानि सडक किनारे दूर से खडे रहकर चलती कार पर फायर नहीं हुआ, बल्कि कार को एक स्थान पर खडा करते हुए साइड ग्लास पर बेहद नजदीक से उपर से नीचे की ओर फायर किया गया. इसके अलावा कार के कंडक्टर साइड पर ड्राइविंग सीट के पीछे स्थित दरवाजे पर भी गोलियों के दो निशान बेहद आसपास पाये गये. चलती कार पर फायर किये जाने की स्थिति में दो गोलियां इतने आसपास लगना भी काफी मुश्किल होता है.
इल सबके साथ ही मामले की जांच के दौरान पुलिस को यह जानकारी भी मिली कि, गोपाल अरबट की आंखों में कुछ तकलीफ है और उन्हें दिखाई देने में दिक्कत होती है. साथ ही साथ गोपाल अरबट को सही और पूरी तरह से कार की ड्राइविंग करना भी नहीं आता. विशेष तौर पर रात के समय तो गोपाल अरबट अपने अकेेले के दम पर कार चला ही नहीं सकते. सबसे बडी बात यह भी है कि, जिस समय यह घटना कथित रुप से घटित हुई, उस समय गोपाल अरबट ने शराब भी पी रखी थी. यानि गोपाल अरबट हर तरह से कार चला पाने में असमर्थ व असक्षम थे. लेकिन इसके बावजूद गोपाल अरबट ने पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा कि, 30 सितंबर की रात वे अकेले ही अपनी कार में थे और अपनी कार को खुद चलाते हुए दर्यापुर की ओर जा रहे थे, जबकि अब तथ्यात्मक रुप से यह जानकारी सामने आ गई है कि, उस समय गोपाल अरबट के साथ कार में उनका ड्राइवर बंडू इंगोले भी मौजूद था और कार कोे बंडू इंगोले ही चला रहा था.
इस पूरे मामले को लेकर सबसे बडी जानकारी यह भी सामने आयी है कि, घटना वाली रात अपनी कार पर फायरिंग होने से पहले ही गोपाल अरबट ने किसी को फोन करते हुए जानकारी दी थी कि, उनकी कार पर फायरिंग हुई है. जबकि उस समय कार पर एक भी गोली नहीं चली थी. वहीं अब यह जानकारी सामने आयी है कि, गोपाल अरबट ने वह फोन सीधे पुलिस को लगाया था और अपनी कार पर फायरिंग होने की जानकारी दी थी. ऐसे में पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि, जब फोन करते समय तक गोपाल अरबट की कार पर कोई गोली नहीं चली थी, तो उन्होंने पुलिस को फोन करते हुए अपनी कार पर फायरिंग होने की झूठी जानकारी क्यों दी.
इन तमाम बातों को देखते हुए अब माना जा रहा है कि, अपनी ही पार्टी के कुछ पदाधिकारियों को फंसाने के लिए बिछाये गये जाल में गोपाल अरबट खुद ही फंसते जा रहे है. वहीं गत रोज वलगांव पुलिस ने गोपाल अरबट के ड्राइवर बंडू इंगोले को भी अपनी हिरासत में लेकर उससे पूछताछ करनी शुरु की है. जिसमें पुलिस को इस पूरे मामले के संदर्भ में कई बेहद अहम जानकारियां दी है. ऐसे में अब पुलिस द्वारा जल्द ही गोपाल अरबट से इस मामले को लेकर नये सिरे से पूछताछ की जा सकती है. साथ ही साथ आज या कल में वलगांव पुलिस द्वारा इस पूरे मामले को लेकर कोई बडा खुलासा भी किया जा सकता है.