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जाली दस्तावेजों के आधार पर हासिल की नौकरी

पुलिस सिपाही के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज

अमरावती /दि.16- राज्य आरक्षित पुलिस दल की भर्ती प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को गलत तरीके से प्रकल्पग्रस्त दर्शाते हुए नौकरी हासिल करने में सफल रहे मनोज दादाजी राउत नामक पुलिस सिपाही के खिलाफ एसआरपीएफ की ओर से धोखाधडी व जालसाजी का मामला दर्ज कराया गया है.
इस संदर्भ में राज्य आरक्षित बल गट क्रमांक 18 (भारतीय आरक्षित बटालियन 5) के पुलिस निरीक्षक किशोर चौधरी द्बारा फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया गया कि, एसआरपीएफ ग्रुप 18 में पुलिस सिपाही के तौर पर भर्ती हुए मनोज दादाजी राउत (28, नवेगांव, जि. गडचिरोली) ने एसआरपीएफ की भरती में हिस्सा लेते समय खुद को प्रकल्पग्रस्त बताते हुए इस संदर्भ में बीड के जिलाधीश कार्यालय की ओर से जारी आवश्यक दस्तावेज प्राप्त किए थे. जिसके आधार पर उसे एसआरपीएफ में पुलिस सिपाही के तौर पर नौकरी प्राप्त हुई थी. परंतु मनोज राउत द्बारा पेश किए गए दस्तावेजों को लेकर संदेह रहने पर एसआरपीएफ ने बीड के जिलाधीश कार्यालय में जाकर आवश्यक जांच पडताल कि, तो पता चला कि मनोज राउत यह कोई प्रकल्पग्रस्त नहीं है, बल्कि उसने सरकारी दस्तावेजों में काट छाट करते हुए गलत तरीके से अपने नाम पर प्रकल्पग्रस्त होने का फर्जी प्रमाणपत्र बनाया और इसी नकली दस्तावेज के आधार पर पुलिस सिपाही की नौकरी हासिल की. यह सीधे सीधे पुलिस प्रशासन सहित राज्य सरकार के साथ धोखाधडी है. इस शिकायत के आधार पर फ्रेजरपुरा पुलिस ने एसआरपीएफ के पुलिस सिपाही मनोज राउत के खिलाफ भादंवि की धारा 419, 420, 465, 467, 468 व 471 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए जांच शुरु कर दी है.

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