अमरावती

कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए शासन कटिबध्द

भाजपा पालकमंत्री को बदनाम करने की राजनीति न करें

  • कांग्रेस जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख व बबलू शेखावत ने कहा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१४ – तिवसा ग्रामीण अस्पताल में अधीक्षक के साथ कुछ डॉक्टरों ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी का मामला उजागर होते ही दोषियों पर कार्रवाई कर उन्हें जेल रवाना किया है. इस संदर्भ में पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकुर ने जांच के आदेश दिए थे. लेकिन भाजपा के कुछ पदाधिकारी मामले में राजनीति कर रहे है. वर्तमान स्थिति को अनदेखा कर पालकमंत्री और महाविकास आघाडी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है. इस तरह की घटिया राजनीति करने का यह समय नहीं है. जनता की दिशाभूल न करे, ऐसी चेतावनी कांगे्रेस के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख व शहराध्यक्ष बबलू शेखावत के साथ पदाधिकारियों ने भाजपा को दी है.
देश में कोरोना के मरीज बढ़ते ही जा रहे है. राज्य की स्थिति और भी गंभीर हो रही है. ऐसी स्थिति में नागरिको को दिलासा देकर राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहना चाहिए. सरकार ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए विविध उपाय योजना की है. नागरिको को सरकारी अनुदान भी मंजूर किया है. लॉकडाउन के बावजूद नागरिको के खाते में रकम जमा हो रही है. प्रशासन भी आंखों में तेल डालकर दिन-रात काम कर रहा है. जब जिले में कोरोना की दूसरी लहर आयी थी.
उस समय नियंत्रण के लिए पालकमंत्री और प्रशासन ने दिन रात संघर्ष किया. जरूरी उपाय योजना लागू की. जिससे हम कुछ समय बाद आपदा की स्थिति से उबरे थे. जिले की तुलना में नागपुर, यवतमाल, बुलढाणा, बैतूल, मुलताई जैसे शहरों से उपचार के लिए मरीजों को अमरावती में लाने और उसकी देखभाल करने की व्यवस्था यहां निर्माण की गई. तिवसा में रेमडेसिविर की कालाबाजारी का जो मामला उजागर हुआ है. उसे लेकर भाजपा के पदाधिकारी पालकमंत्री को बदनाम कर रहे है. भाजपा की जिलाध्यक्षा निवेदिता चौधरी व प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी ने पालकमंत्री पर गंभीर आरोप किए है.
भाजपा के इन पदाधिकारियोंं ने जो आरोप लगाए है. वह बेबुनियाद है. कोरोना की इस गंभीर स्थिति में पालकमंत्री और प्रशासन को बदनाम करने की विरोधियों की साजिश है. नागरिको में जनजागृति के साथ पालकमंत्री ने तीसरी लहर को ध्यान में रखकर अभी से नियोजन शुरू कर दिया है. लेकिन भाजपा के पदाधिकारी इसे भी राजनीति का शिकार बना रहे है.
रेमडेसिविर की कालाबाजारी में शामिल डॉ. पवन मालसुरे का कांग्रेस पार्टी से संबंध है. ऐसा भाष्य भाजपा के पदाधिकारी कर रहे है. जबकि रेमडेसिविर की कालाबाजारी में पार्टी का कोई लेना देना नहीं है और ना ही डॉ. मालसुरे पार्टी के कोई पदाधिकारी है. इस मामले के संदर्भ में पालकमंत्री ने विस्तृत जांच के आदेश जारी किए है. भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप करने की बजाय पहले खुद के गिरेबान में झांकना चाहिए. अवैध रूप से रेमडेसिविर का उत्पादन करनेवाले उत्पादक को जब पुलिस हिरासत में लेती है तो भाजपा क ही नेता प्रतिपक्ष पुलिस थाने में जाकर उसे बचाने का प्रयास करते है. यह गंभीर मामला है. भाजपा ने ऐसे मामलों में राजनीति कर किसी को बदनाम करने की बजाय ऐसे माहौल में सत्ताधारी और जिला प्रशासन के साथ मिल कर काम करना चाहिए. जनता को इस महामारी से उबारने के लिए प्रयास करना चाहिए. अगर विरोधी दल भाजपा पालकमंत्री व कांग्रेस पदाधिकारियों को बदनाम करने से बाज नहीं आयी तो उन्हें करारा जवाब दिया जायेगा. ऐसी चेतावनी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख, पूर्व विधायक वीरेन्द्र जगताप, विधायक बलवंत वानखडे, शहराध्यक्ष बबलू शेखावत व पूर्व महापौर विलास इंगोले ने दी है.

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