अमरावती/दि.22– आदिवासी विकास विभाग की विख्यात अंग्रेजी माध्यम की निवासी शालाओं का कोरोना काल का बकाया 55 फीसद अनुदान देने का निर्णय राज्य शासन ने लिया है. इस निमित्त अपर आयुक्त कार्यालय में अनुदान वितरण बाबात पत्र पहुंचने की जानकारी है.
राज्य में ठाणे, नाशिक, अमरावती और नागपुर अपर आयुक्त कार्यालय के अधीन 29 एकात्मिक प्रकल्प अधिकारियों के नियंत्रण में 150 नामांकित अंग्रेजी माध्यम की निवासी शालाओं में अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाती है. यह निवासी शाला स्वयंसेवी संस्थाओं की है. अन्य विद्यार्थियों के साथ आदिवासी विद्यार्थियों को इन शालाओं में शिक्षा देने की योजना है. कोरोनाकाल में वर्ष 2020-21 और 2021-22 इन दो वर्ष में स्वयंसेवी संस्थाओं ने अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को अच्छे दर्जे की शिक्षा दी और गुणवत्ता बढाई, ऐसा दावा राज्य सरकार के पास किया गया था. इस कारण इन शाला संचालकों को अनुदान देने का राज्य सरकार के विचाराधीन था. इसके मुताबिक अपर आयुक्त स्तर पर प्रस्ताव मंगवाए गए. तब 25 प्रतिशत अनुदान देने बाबत शासन को सूचित किया गया था. लेकिन 25 फीसद अनुदान मान्य नहीं ऐसी इन संस्था चालकों की भूमिका थी. इतना ही नहीं बल्कि कुछ संस्था चालकों ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में गुहार लगाई थी. आखिरकार उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद नामांकित शाला संचालकों को अनुदान देने का निर्णय लिया गया.
* मंत्रालय से सूत्र लाए गए
नामांकित शाला संचालकों व्दारा उच्च न्यायालय में गुहार लगाई रहते बढत अनुदान मिलने केे लिए मंत्रालय से सूत्र हिलाए गए. इस कारण 55 फीसद बढत अनुदान मिला, ऐसी चर्चा है. नामांकित शाला संचालकों की एकजुटता के कारण ही राज्य सरकार को बढत अनुदान का निर्णय लेना पडा, ऐसी जानकारी है.
* अमरावती एटीसी अंतर्गत 44 शाला
अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों को नामांकित निवासी शालाओं में शिक्षा दी जाती है. इन शालाओं का कोरोनाकाल का बकाया 55 फीसद अनुदान वितरित करने के लिए शासन का पत्र आया है. अमरावती एटीसी अंतर्गत 44 शाला है. 13 हजार 700 विद्यार्थियों की संख्या है.
– प्रवीण इंगले, सहायक आयुक्त (वित्त व लेखा)
अपर आयुक्त कार्यालय अमरावती