अधिकारी महासंघ की संयुक्त विचार बैठक जल्द बुलाये सरकार
महासंघ द्वारा पत्रवार्ता के जरिये उठाई गई मांग
अमरावती/दि.4– राज्य की सेवा में रहनेवाले अधिकारियों से संबंधित विभिन्न मामलों को लेकर महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ द्वारा बार-बार निवेदन सौंपते हुए सरकार का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है. किंतु सरकार द्वारा निर्णायक प्रतिसाद नहीं मिलने की वजह से राज्य के राजपत्रित अधिकारियों में जबर्दस्त असंतोष व्याप्त है. यह बात विगत 22 फरवरी को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ हुई बैठक में पूरी प्रखरता से सामने रखी गई. जिसे डेप्युटी सीएम पवार ने भी काफी गंभीरता से लिया और नये आर्थिक वर्ष में इन मांगों को लेकर सकारात्मक निर्णय लेने हेतु आश्वस्त किया. ऐसे में राज्य सरकार के मुख्य सचिव एवं संयुक्त विचार-विनिमय समिती के अध्यक्ष मनुकुमार श्रीवास्तव द्वारा आगामी सप्ताह में अधिकारी महासंघ द्वारा उपस्थित की गई मांगों पर चर्चा व विचार-विनिमय करने हेतु समिती की बैठक आयोजीत की जानी चाहिए. इस आशय की मांग राजपत्रिक अधिकारी महासंघ द्वारा यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में की गई.
स्थानीय जिलाधीश कार्यालय परिसर स्थित बचत भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए महासंघ के संस्थापक व मुख्य सलाहकार ग. दि. कुलथे सहित स्थानीय पदाधिकारी सुदाम कावरे व अशोक मोहिते ने महासंघ द्वारा उपस्थित की गई विभिन्न मांगों को विस्तार के साथ बताया. साथ ही कहा कि, राज्य में वर्ष 2005 के बाद सेवा में आये सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को पुरानी पेन्शन योजना लागू की जाये. साथ ही
राज्य प्रशासन में रिक्त रहनेवाले ढाई लाख से अधिक पदों को ठेका पध्दति से भरने की बजाय नियमित वेतन श्रेणी से भरा जाये. इसके अलावा इस पत्रकार परिषद में राज्य राजपत्रिक अधिकारी महासंघ की ओर से सरकार के समक्ष कुल 14 मांगे रखी गई.