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मराठा आरक्षण के लिए सरकार कटिबद्ध

सीएम एकनाथ शिंदे का कथन

* वकीलों के टास्कफोर्स की बैठक बुलाई जाएगी
मुंबई/दि.17- मराठा समाज को आरक्षण का लाभ मिले इस हेतु सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है और मराठा आरक्षण के लिए पर्याप्त व प्रामाणिक प्रयास करने के साथ ही पूरी ताकत के साथ इस विषय को लेकर अदालत में लडाई लडी जाएगी. इस आशय का प्रतिपादन करने के साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि, राज्य विधानमंडल का बजट सत्र निपटने के बाद वे स्वयं दिल्ली जाकर वकीलों की टास्क फोर्स व सभी संबंधितों को एक साथ बुलाकर बैठक आयोजित करेंगे और खुद भी उस बैठक में उपस्थित रहेंगे.
गत रोज बजट सत्र के दौरान विधान परिषद में भाई जगताप व्दारा मराठा आरक्षण को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा गया था. जिस पर जवाब देते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण को लेकर वर्ष 2018 से 5 मई 2021 तक विविध चरणों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी. साथ ही बताया कि, मराठा आरक्षण रद्द होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की समीक्षा करने हेतु न्या. दिलीप भोसले के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया था और इस समिति की सिफारिशो के आधार पर ही अगले कदम उठाए जा रहे है. इस संदर्भ में वरिष्ठ विधि विशेषज्ञों का टास्क फोर्स गठित किया गया है. जिनमें एड. हरिश सालवे, एड. मुकुल रोहतगी, एड. पटवालिया, एड. विजयसिंग थोरात व एड. अक्षय शिंदे का समावेश है.

* क्या कहा सीएम शिंदे ने
– छात्रावास सुविधा, छात्रवृत्ति, शैक्षणिक शुल्क प्रतिपूर्ति, परीक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति के साथ ही अन्नासाहब पाटिल आर्थिक विकास महामंडल के पद आपूर्ति की मर्यादा को 15 लाख रुपए तक बढाया गया है.
– महामंडल के लिए बजट में भरपूर प्रावधान किए गए है.
– सारथी संस्था को अब तक 389 करोड रुपए की निधि उपलब्ध कराई गई है.
– कुणबी-मराठा जाति प्रमाणपत्र मिलने हेतु समिति स्थापित की गई है.
– कोपर्डी हत्याकांड मामले की त्वरीत सुनवाई के संदर्भ में निर्देश जारी किए गए है.
– सर्वोच्च न्यायालय व्दारा आरक्षण रद्द करने से पूर्व चयनित परंतु अनियुक्त रहनेवाले 1 हजार 553 उम्मीदवारों को अधिसंख्य के रुप में नियुक्ति दी गई है.
– आरक्षण मिलने तक मराठा समाज को ओबीसी संवर्ग की सभी सहूलियतें दी जाएगी. परंतु इसमें ओबीसी संवर्ग के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

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