अमरावती/दि.7 – जिलेभर में 27 नवंबर से शासकीय कपास खरीदी केंद्रों पर कपास खरीदी शुरु कर दी गई है. पाच कपास केंद्रो व बाजार समितियों में किसानों से 24 टन कपास की खरीदी की गई. जिसमें किसानों ने 1374 करोड रुपए का कपास बेचा. 27 नवंबर से अलग-अलग चरणों में कपास खरीदी केंद्र शुरु कर दिए गए थे. जहां भारी संख्या में किसान कपास बेचते नजर आए.
हालाकि इस साल बोंड इल्ली के प्रादुर्भाव के चलते किसानों का सफेद सोना कही जाने वाली फसल को काफी नुकसान हुआ है. जिले में सबसे पहले 27 नवंबर को अमरावती स्थित किसान सहकारी जिनिंग एंड प्रेसिंग कामुंजा व दर्यापुर के सदगुरु जिनिंग एडं प्रेसिंग बाजार समिति में कपास खरीदी शुरु की गई. 28 नवंबर को मोशी व वरुड के शासकीय केंद्रो पर खरीदी शुरु की गई तथा 1 दिसंबर को अचलपुर में कपास खरीदी केंद्र शुरु किए गए.
अब तक जिले के पाच केंद्रो पर बडे पैमानों पर किसानों द्वारा कपास बेची जा रही है. इस साल कपास की फसल पर अलग-अलग बीमारियों का प्रादुर्भाव होने की वजह से खरीदी कंद्रो पर आवक कम हो रही है. सरकारी खरीदी केंद्रो पर सीसीआई, एफएक्यू, एलआरए गुणवत्ता की जांच करने के पश्चात ही कपास कर रही है. जिन किसानों के कपास की गुणवत्ता अधिक है उन किसानों की कपास खरीदी जा रही है. सरकारी कपास खरीदी केंद्रो पर प्रतिक्विंटल 5725 रुपए के दाम दिए जा रहे है. जबकि खुले बाजारों में सरकारी दाम की तुलना में एक हजार रुपए व्यापारियों द्वारा कम दिए जा रहे है. बावजूद इसके किसान खुले बाजारों में अधिक कपास बेच रहे है.
गुणवत्ता की कमी के चलते नुकसान
जिन किसानों के पास मौजूदा कपास गुणवत्ता दर्जे की नहीं है. उन्हें मजबूरी में खुले बाजारों में सस्ते दामो पर कपास बेचनी पड रही है. जिसकी वजह से कपास उत्पादक किसानों ने नुकसान हो रहा है.कपास की गुणवत्ता जांच किए जाने पर उत्तम दर्जे की कपास की ही खरीदी शासकीय कपास केंद्रो पर की जा रही है. जिले के पाच केंद्रो में अचलपुर केंद्र पर अब तक 125.60 टन दर्यापुर केंद्र पर 1254.34 टन, मोर्शी केंद्र पर 62.65 टन ,वरुड केंद्र पर 225.75 टन पास खरीदी की गई है. सात दिनों में इन सभी कपास खरीदी केंद्रो पर 2274.5 टन कपास की खरीदी किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है. उसी प्रकार बाजार समिति में 125.60 टन कपास खरीदी की गई है. इस तरह से 2400 टन कपास के ऐवज में किसानों को 12 करोड 68 लाख रुपए सरकार की ओर से दिए गए है.