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आदिवासियों के 440 करोड रुपए के खावटी कर्ज को भूली सरकार

समूचे राज्य में नाराजगी के सूर, 11 लाख लाभार्थियों के सामने पेंच

अमरावती/ दि.12 – आर्थिक रुप से पिछडे रहने वाले आदिवासियों को सहायता का हाथ देने हेतु सरकार व्दारा प्रति वर्ष खावटी कर्ज वितरित किया जाता है, जिसके तहत प्रत्येक आदिवासी लाभार्थी को चार हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. परंतु वर्ष 2022 में राज्य के आदिवासियों को खावटी कर्ज ही नहीं मिला. ऐसे में आरोप लगाया जा रहा है कि, शायद सरकार इस खावटी कर्ज को भुल गई है. वहीं सरकार की ओर से बताया गया है कि, खावटी कर्ज का प्रस्ताव नए सिरे से तैयार किया जा रहा है और 4 हजार रुपए प्रति लाभार्थी के हिसाब से 11 लाख 50 हजार लाभार्थियों को खावटी कर्ज देने हेतु 440 करोड रुपयों की जरुरत पडेगी.
बता दे कि, वर्ष 1970 में राज्य के आदिवासियों हेतु खावटी कर्ज योजना शुरु की गई. बारिश के समय अनाज नहीं रहने के चलते आदिवासियों पर भुखमरी की नौबत आन पडती थी. ऐसे समय सहायता के तौर पर आदिवासी विकास विभाग व्दारा खावटी कर्ज दिया जाता था. जिसमें अनाज के साथ ही नकद रकम का समावेश होता था, लेकिन वर्ष 2022 में आदिवासियों को खावटी कर्ज मिला ही नहीं. जबकि इस कर्ज पर आदिवासियों का सालभर का नियोजन निर्भर करता है. ऐसे में इस बार कोई सहायता नहीं मिलने के चलते आदिवासियों में निराशा के साथ ही सरकार को लेकर काफी हद तक नाराजगी का माहौल है. वहीं आदिवासी विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि, विभाग व्दारा जल्द ही खावटी कर्ज के लिए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. जिसके तहत इस बार अनाज के तहत गेहूं व चावल दिये जाने की भी संभावना है. हालांकि अब तक इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है.

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