अमरावती

महिलाओं व बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु कृत संकल्प सरकार

महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर का कथन

अमरावती दि.4 – महिलाओं के विकास तथा बच्चों के योग्य पोषण के लक्ष्य को सामने रखते हुए उज्जवल महाराष्ट्र व उज्जवल भारत का निर्माण करने हेतु राज्य का महिला व बालविकास विभाग लगातार काम कर रहा है. जिसके अनुसार विगत दो वर्षों से नियोजनबध्द काम भी शुरू है. इसके तहत महिला सक्षमीकरण के लक्ष्य एवं बच्चों के हितों को साध्य करने हेतु नित नई संकल्पनाओं पर काम करते हुए नये-नये उपक्रमों व उपायों पर अमल किया जा रहा है. इस आशय का प्रतिपादन राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा अमरावती की जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर द्वारा किया गया है.
राज्य की महाविकास आघाडी सरकार द्वारा अपना दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने के उपलक्ष्य में सरकार एवं अपने मंत्रालय के कामकाज पर समाधान व्यक्त करते हुए मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, महाविकास आघाडी सरकार द्वारा राज्य की सत्ता के सुत्र संभाले जाने के कुछ अरसा बाद ही कोविड संक्रमण का दौर शुरू हो गया. यह हम सभी के लिए एक तरह से परीक्षा की घडी थी और आनेवाला समय काफी चुनौतीपूर्ण भी था. लेेकिन यह खुशी और गर्व की बात है कि, सरकार ने हर चुनौती का डटकर सामना किया तथा सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह से सफल भी रही. कोविड संक्रमण काल के दौरान भी महिला व बालकल्याण विभाग ने लगातार काम करते हुए समाज के अंतिम घटक तक विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाया. साथ ही साथ आर्थिक व सामाजिक सक्षमीकरण पर विशेष ध्यान दिया.
मंत्री यशोमति ठाकुर के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में अंगणवाडी सेविकाओं व सहायकों को इस जरिये कुपोषण निर्मूलन, कोविड टीकाकरण, गर्भवती व नवप्रसूता महिलाओं का संगोपन तथा बच्चों का पोषण ऐसे विविध स्तरों पर उल्लेखनीय कार्य किया गया. इसके साथ ही अनाथ बच्चों को शिक्षा एवं नौकरी में एक फीसद समांतर आरक्षण देने के लिए महिला व बालविकास विभाग द्वारा महत प्रयास किये गये. साथ ही साथ कोविड संक्रमण की वजह से अनाथ हुए बच्चों की पढाई-लिखाई व पालनपोषण का जिम्मा भी सरकार द्वारा उठाया गया. जिसके तहत महामारी की वजह से अपने एक अथवा दोनोें अभिभावकों को खो देनेवाले बच्चों के नाम पर पांच लाख रूपयों की एकमुश्त राशि फिक्स डिपॉझिट में डाली गई.
इसके अलावा महिला सक्षमीकरण को अपनी पहली प्राथमिकताओं में शामिल बताते हुए महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने बताया कि, महिलाओें को आर्थिक व सामाजिक तौर पर सक्षम बनाते हुए उन्हें सम-समान सम्मान व अवसर उपलब्ध करवाने के लिए नियम व कानूनों में आवश्यक संशोधन व सुधार करने को प्राथमिकता दी गई है. साथ ही सभी विभागों के निर्देशानुसार सर्वसमावेशक नई नीतियां तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के लिए कोविड संक्रमण काल के दौरान आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गई. साथ ही नौकरीपेशा महिलाओं के लिए समूचे राज्य में वसतीगृह बनाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है. इसके अलावा महिला आर्थिक विकास महामंडल के जरिये बचत गुटों की महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जा रही है. साथ ही साथ महिलाओं को बकरी व कुक्कुटपालन व्यवसाय के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.
मंत्री यशोमति ठाकुर ने महिला किसानों व बचत गुट की महिलाओं को अपने उपज व उत्पादों की बिक्री हेतु ई-बिझनेस प्लेटफार्म उपलब्ध कराये जाने की जानकारी देते हुए बताया कि, महिला व बालविकास विभाग द्वारा महिलाओं के लिए नव तेजस्विनी व अनाथ बच्चों के लिए मिशन वात्सल्य जैसे उपक्रम शुरू किये गये है. साथ ही साथ नाबालिग लडकियों के विवाह को रोकने हेतु भी प्रभावी तौर पर काम किया जा रहा है.

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