अमरावतीमहाराष्ट्र

शासकीय जमीन को लगा ग्रहण

जिले की 41 हजार हेक्टेअर जमीन अतिक्रमण के जाल में

धामणगांव रेलवे/दि.01– जिले में ब्रिटीशकाल से सार्वजनिक संपत्ति रही शासकीय जमीन पर अतिक्रमण का ग्रहण लगा है. 14 तहसीलो में 41 हजार हेक्टेअर जमीन अतिक्रमण के जाल में फंसी रहने की अधिकृत आकडेवारी है. गांव की सार्वजनिक जगह और गायरान ग्रामवासियों के मालकी की हो गई है.

ब्रिटीशकाल से प्रत्येक गांव में सार्वजनिक उत्सव के लिए जमीन आरक्षित रहती है. स्मशानभूमी, सार्वजनिक मंदिर, जलापूर्ति, दवाखाना, शाला निर्माण आदि सार्वजनिक हित के कामो के लिए ग्रामपंचायतो में यह जगह पंजीबद्ध रहती है. इस जगह का संरक्षण करना ग्रामपंचायत की जिम्मेदारी रहते इस सार्वजनिक जगह पर गांव में अतिक्रमण कर ग्रामपंचायत के 8 (अ) व पंजीकृत करने का प्रकार बढा है. विशेष यानि ऐसी जगहों पर अवैध निर्माण कर यह जगह अनेक नागरिको ने अपने नाम की रहने की जानकारी सामने आई है. इसके अलावा वारिस न रहे मृत व्यक्ति की जमीन दुय्यम निबंधक कार्यालय में फर्जी खरीदी खत पर दलालों द्वारा पिछले पांच साल में हथिया ली गई है.

* देवस्थान की जमीन का दुरुपयोग
प्रत्येक गांव के देवस्थान की देखरेख के लिए खर्च का नियोजन करने जमीन आरक्षित रखी गई है. इस आय से संबंधित देवस्थान का खर्च हो यही इसके पीछे का मकसद है. देवस्थान की जमीन 99 साल के करार पर लेकर परस्पर बिक्री की गई है. जिले के 34 देवस्थानो की जमीन अपने मालकी की किए जाने की जानकारी सामने आई है.

* शाला की जमीन पर भी अतिक्रमण
प्रत्येक गांव में जिला परिषद अंतर्गत आनेवाली शालाओं की जमीन है. हर वर्ष यह जमीन एक साल के लिए फसल निकालने नीलाम की जाती है. शिक्षा विभाग को इससे पैसे मिलते रहे तो भी ऐसी जमीन पर ग्रामवासियों ने अतिक्रमण पक्का किया है. धामणगांव रेलवे, चांदुर रेलवे, नांदगांव खंडेश्वर इन तीन तहसीलो में शालाओं की जमीन ग्रामवासियों के कब्जे में है.

* गायरान की हुई खेती
गांव के मवेशी चराने के लिए प्रत्येक गांव परिसर में गायरान के रुप में जगह अनेक वर्षो से आरक्षित रहते वह पटवारियों को हाथ में लेकर अपने नाम की गई है. भोगवटदार वर्ग 2 का वर्ग 1 पंजीयन कर इस जमीन की बिक्री करने का व्यवहार युद्धस्तर पर शुरु है.

Back to top button