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इर्विन, डफरीन, सुपर स्पेशालिटी में ही शासकीय मेडिकल कॉलेज!

पूर्व पालकमंत्री पोटे ने किया तीनों अस्पतालों का निरीक्षण

* सरकार जल्द लेगी निर्णय, फडणवीस के आए थे निर्देश
* 27 एकड जगह और मापदंडों के अनुसार बेड भी
* निर्धन मरीजों और रिश्तेदारों को होगी सुविधा
अमरावती/दि.28 – जिला सामान्य अस्पताल इर्विन, जिला स्त्री अस्पताल डफरीन और उसी के परिसर में बने विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल को मिलाकर तत्काल अमरावती हेतु मंजूर शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय शुरु किए जाने के संकेत मिले हैं. नांदगांव पेठ और कौंडेश्वर रोड की जगह की चर्चा के बीच लोगों की सुविधा को देखते हुए पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर आज दोपहर तीनों अस्पताल और उसके परिसर का विधायक प्रवीण पोटे ने न केवल अवलोकन किया, बल्कि नापजोख भी करवाई गई. जिससे शासन की रिपोर्ट पर जल्द से जल्द सरकारी मेडिकल कॉलेज आरंभ होने की भी संभावना बढ जाने की जानकारी सूत्रों ने अमरावती मंडल को दी. बता दें कि, गत मार्च में प्रदेश के बजट में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी. उसमें अमरावती का प्रमुखता से समावेश था. यहां के लोगों के साथ ही मेलघाट के आदिवासियों और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को भी सरकारी मेडिकल कॉलेज का लाभ मिलने की उम्मीद जागी है.
* कुल 27 एकड जगह
जिले के पालकमंत्री रह चुके प्रवीण पोटे आज दोपहर तीनों सरकारी अस्पताल और उनके परिसर की पडताल करने अधिकारियों एवं चिकित्सकों को लेकर पहुंचे थे. उनके साथ राजस्व के भोसले, भूमि अभिलेख के फुलझेले, जिला शल्यचिकित्सक डॉ. सौंदले और अन्य थे. प्रवीण पोटे ने घंटों के अवलोकन तथा अधिकारियों-चिकित्सकों से जानकारी लेने के पश्चात बताया कि, कुल 27 एकड जमीन शहर के बीचोंबीच ही उपलब्ध है. इमारतें बनी है. लगभग 750 बेड की व्यवस्था है. जिससे शीघ्र शासकीय वैद्यकीय कॉलेज आरंभ हो सकता है. उन्होंने स्वयं बताया कि, वे पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर यह अवलोकन करने पहुंचे है. उनके साथ मौजूद अधिकारियों ने बाकायदा टेप और नापजोख के अन्य साधन लेकर नापजोख की. प्रवीण पोटे ने कहा कि, वैद्यकीय महाविद्यालय के मापदंडों के हिसाब से भी यह जगह और इमारतें पर्याप्त है.
* फडणवीस चाहते हैं शहर में
प्रवीण पोटे ने कहा कि, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी चाहते है कि, गरीब मरीजों की सुविधार्थ शहर में भी शासकीय मेडिकल कॉलेज शुरु किया जाए. नांदगांव पेठ अथवा कौंडेश्वर रोड के बारे में उन्होंने कहा कि, गरीब मरीजों अथवा उनके रिश्तेदारों को न केवल 200-300 रुपए रिक्षा किराया चुकाना पडेगा. बल्कि असुविधा भी अधिक होगी. बार-बार जाने का काम पडता है. शहर से 10-15 किमी दूर जाने में भी दिक्कत आएगी. जबकि शहर में मध्य भाग में मौजूद इर्विन, डफरीन और संदर्भ सेवा अस्पताल कई मायनों में सुविधाजनक होंगे.
* डॉक्टर्स भी होंगे तत्पर
प्रवीण पोटे के अनुसार तीनों सरकारी अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज शीघ्रता से कार्यरत हो सकता है. यही के विद्यार्थियों को काउंसील की मान्यता के अनुसार नये सत्र में प्रवेश का रास्ता खुल सकता है. डॉक्टर्स भी शहर के मध्य सुविधा महसूस करेंगे और धीर-गंभीर मरीज के लिए चिकित्सक तत्पर रहेंगे. उनकी सेवा शीघ्रता से मिल सकेगी. मरीजों को जल्द पीडा से राहत मिलेगी. बल्कि अधिकांश मरीजों की जान बचाई जा सकेगी.
* और 750 बेड की होगी व्यवस्था
प्रवीण पोटे ने बताया कि, नई इमारत बनकर तैयार है, ऐसे ही कुछ नये भवन भी प्रस्तावित है. जिससे बेड की संख्या 700-750 बढाई जा सकती है. जिससे तीनों दवाखाने मिलाकर 1400-1500 बेड हो जाएंगे. जो मेडिकल कॉलेज के लिए पर्याप्त कह सकते हैं. शहर के मध्य कॉलेज रहने से विद्यार्थियों, अभिभावकों, रुग्णों, रिश्तेदारों हेतु बडा ही सुविधाजनक हो सकता है. रेल्वे स्टेशन और बस स्थानक भी नजदीक ही है. इससे सुविधा में बढोत्तरी ही होगी. उन्होंने बताया कि, प्रशासन मेडिकल कॉलेज के शहर में होने के बारे में शीघ्र अपनी रिपोर्ट शासन को देगा. नया सत्र आरंभ होने वाला है. शासन का तब तक निर्णय आ सकता है.
* सभी के भगीरथ प्रयास
उल्लेखनीय है कि, भाजपा नेता किरण पातुरकर सहित अनेक राजनेताओं के प्रयत्नों से अमरावती जिले में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय की बरसों से अपेक्षित मांग पूर्ण होने जा रही है. गत मार्च में बजट दौरान फडणवीस ने मेडिकल कॉलेज का ऐलान कर दिया था. जिसका विद्यार्थियों से लेकर व्यापारियों, प्रोफेशनल्स सभी ने जोरदार स्वागत किया है. मेडिकल कॉलेज के सुचारु होने से निश्चित ही शहर में अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. आज के नापजोख तथा सुविधा परीक्षण दौरान मेडिकल कॉलेज आंदोलन के प्रमुख किरण पातुरकर, भाजपा नेता जयंत डेहनकर आदि मौजूद थे.

* फडणवीस से की थी चर्चा
भाजपा अध्यक्ष किरण पातुरकर ने बताया कि, इसी सत्र से अमरावती का मेडिकल कॉलेज शुरु करने के बारे में पिछले सप्ताह अमरावती आने पर उपमुख्यमंत्री देवेंंद्र फडणवीस से चर्चा की थी. फडणवीस के निर्देश पर तीनों सरकारी दवाखानों का सेवा सुविधा का अवलोकन किया और नापजोख की गई. स्टाफ मंजूर होते ही मेडिकल कॉलेज शुरु हो सकता है. विद्यार्थियों की भी यही चाहत है. बल्कि विद्यार्थी और अमरावती के लोग शीघ्र से शीघ्र कॉलेज शुरु करने की डिमांड कर रहे हैं. पातुरकर ने बताया कि, कृति समिति ने सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में वैद्यकीय महाविद्यालय शुरु करने की मांग रखी थी. मेडिकल काउंसील की सभी शर्तें यहां पूर्ण होने का दावा भी उन्होंने किया.

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