अमरावती

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज प्लैटिनम जुबली वर्ष

1964 डॉक्टर्स बैच मीट मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में

195 मजदूरों को मच्छरदानीया वितरण
65 रिचार्जबल लाइट 65 पानी कैन वितरण
डॉक्टर्स ने निभाया सामाजिक दाईतत्व
अमरावती/ दि.15 – मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में 1964 बैच के डॉक्टर्स ने अपने 50 वे वर्ष में शासकिय वैद्यकीय महाविद्यालय नागपुर में वर्ष 1969 में वैद्यकीय शिक्षा पूर्ण करने वाले डाक्टरों ने मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के स्वर्ण महोत्सव वर्ष में अकोट वन्यजीव विभाग के शहानुर पर्यटन केन्द्र में कॉलेज की प्लैटिनम जुबली एवं अपने प्रवेश का 50 वर्ष मनया. 50 वर्ष गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नागपुर पूर्व 1964 बैच के तत्कालीन एम बी बी एस में विद्यार्थीयों ने प्रवेश लिया. आज एस बैच को 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मेंलघाट व्याघ्र प्रकल्प में सभी डॉक्टर्स जो की आज लगभग अपने आयु 76 वर्ष के पढ़ाव में है. देश में विविध स्थानों में स्थाइक हुए है, ऐसे 28 डॉक्टर्स शामिल हुए है. कुछ ना आ पाए उसमे से कुछ डॉक्टर्स अब इस दुनिया से विदाई ले चुके है, कुछ अपने स्वास्थ्य की वजह से, कुछ विदेश में बसने ऐसे अनेको कारणों से यहाँ न आ पाए. जो 28 डॉक्टर्स पहुचे उन्होंने अपने समाज व मानवता के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह के रूप में 2 दिन शहानुर पर्यटन केन्द्र में अकोट वन्यजीव विभाग की 34 सुरक्षा चौकी के साथ ही सिपना वन्यजीव विभाग के 31 सुरक्षा चौकी ऐसी कुल 65 सुरक्षा चौकी पर कार्यरत 195 वन मजदुरो को मच्छरदानी, 65 पेयजल की कैन व 65 रिचार्जबल लाइट आदि साहित्य का वितरण किया. मेलघाट के गाभा क्षेत्र में सुरक्षा चौकी पर 24 घंटा काम करने वाले वन मजदूर, जंगल में ग्रीष्मकाल, बरसात व ठंड के मौसम में भी अपना कर्तव्य बखूबी निभाते है. वन्यजीवो से सुरक्षा के लिये इस दौरान उन्हें कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है. उनकी समस्याओं को कुछ हद तक कम करने की मंशा से उन्हें अपनी सुरक्षा के लिये टार्च, पेयजल की कैन व मच्छरदानी का वितरण किया गया. इस समय आयोजित कार्यक्रम में कुल 28 डाक्टरों ने हिस्सा लिया. जंगल व वन्यजीव की सुरक्षा करने वाले व्याघ्र प्रकल्प के कर्मचारियों को इस की मदद करते हुए डाक्टरों ने अपना सामाजिक दायित्व निभाया है. साथ ही जंगल व वन्यजीव की सुरक्षा व सर्वधन केवल वन विभाग की जिम्मेदारी न होकर नागरिकों को भी सहयोग करना चाहिये. इसका उत्तम उदाहरण डाक्टरो ने पेश किया है. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र संचालिका जयोती बेनर्जी ने व्याघ्र प्रकल्प की ओर से डाक्टरों की टीम का आभार व्यक्त किया.
अपने 50 वे वर्ष व कॉलेज के प्लैटिनम जुबली वराह में विविध स्थानों से पधारे डॉक्टर्स ने दो दिन यहाँ समय व्यतीत किया जहाँ अपनी पुरानी यादें, फॅलोशिप, एक दूसरे से अनोखे अंदाज में परिचय, बीते जीवन, परिवार व आने वाले समय की अपनी योजनाएँ के बारे में अपने आप रूबरू करवाया. अपने अनुभव एक दूसरे से शेयर किये अब हमारे जीवन के इस संध्या में हम सभी के बच्चे बढे हो कर अपने अपने प्रोफेशन में सफल है व्यस्त है नाती पोते पढ़ाई में है, हमारे कमाए पैसो का हमने योग्य नियोजन व व्यवस्थापन कर खर्च ना कर भविष्य व परिवार, बच्चों के लिए जमा कर रखे पैसो की बच्चे होनहार होने से उन्हें उसकी आवश्यकता ना हो बच्चे ही हमें पैसे लेने के लिए कहते है, जबकि हमारे पास हमारा कमाया सब है, ऐसी स्थिति में वर्तमान समय में हम मिले घूमे फिरे देह विदेश दुनिया का भ्रमण कर देखे, एन्जॉय करणार चाहिए यह भावना अधिक से अधिक मित्रगनो ने व्यक्त की, बहुतसे मनोरंजक कार्यक्रम रखे गए व उनके जीवन में उपलब्धियों के लिये अवार्ड्स दिए गए.
उपरोक्त कार्यक्रम के आयोजन में डॉ मदन आचलिया जो की अमरावती निवासी है उन्होंने इस प्रोग्राम को टूर, बुकिंग, दो दिन मेलघाट प्रकल्प भ्रमण, जंगल में रहने वाले समस्त जरुरतमंदो मजदूरों की खोज व भोजन व्यवस्था संभाली. इस कार्यक्रम में डॉ मदन आचलिया, डॉ अरुणा अचलिया, डॉ रमेश गोडबोले, डॉ. थोरात, डॉ श्रीमती थोरात, डॉ अताउल्ला खान, अमरावती, डॉ. सतीश राठी, डॉ ज्योति बक्सी, श्रीमती राठी, डॉ उबरकर अकोला, डॉ एकनाथ माने, श्रीमती माने, डॉ. विजय महाजन पुणे, श्रीमती रजनी महाजन पुणे, डॉ कोतवाल, पुणे, डॉ अंसारी नागपुर, डॉ. एम.के. गड्डा, दिग्रस, डॉ श्रीराव, नागपुर, डॉ. सेठ नागपुर, डॉ कंचन सेठ, डॉ. सिंधु भूते , नागपुर, डॉ. यमु रामेकर, नागपुर, डॉ श्रीमती रामटेके, डॉ अनिल साल्पेकर,नागपुर, डॉ. व्ही. के. गुप्ता, बैंगलोर, डॉ.अनिल पिंपलखुटे हिंगणघाट, डॉ माई कुलकर्णी, अमरावती इ मान्यवर उपस्थित थे.

 

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