सरकारी कार्यालयों द्बारा करोडों के विद्युत बिल भरने में टालमटोल
जलापूर्ति व स्ट्रीट लाइट का बकाया 170 करोड से अधिक
अमरावती/ दि.26-बकाया विद्युत बिलों की वसूली करने हेतु महावितरण द्बारा अक्सर ही अभियान चलाया जाता है तथा बिल भरने में आना कानी करनेवाले आम उपभोक्ताओं के घरों व प्रतिष्ठानों की विद्युत आपूर्ति खंडित भी कर दी जाती है. वही दूसरी ओर जिले के सरकारी कार्यालयों एवं सरकारी योजनाओंं की ओर करोडों रूपयों के विद्युत बिल बकाया है. जिन्हें अदा करने में संबंधित महकमों द्बारा टालमटोल भी की जाती है. लेकिन इसके बावजूद महावितरण द्बारा आज तक कभी किसी सरकारी महकमें व योजना की विद्युत आपूर्ति को खंडित नहीं किया गया.
बता दें कि जिले में स्ट्रीट लाइट हेतु 2275 विद्युत कनेक्शन है. जिनकी और 83.46 करोड रूपए का विद्युत बिल बकाया है. इसी तरह जलापूर्ति योजना अंतर्गत रहनेवाले 2018 विद्युत कनेक्शनोें की ओर 88.74 करोड रूपयों के विद्युत बिल बकाया है. जिनकी वसूली के लिए महावितरण द्बारा अब तक कोई अभियान नहीं चलाया गया. इसी तरह सरकारी अस्पतालों व सरकारी शालाओं के 1788 विद्युत कनेक् शनों की ओर 2.10 करोड रूपए तथा सरकारी कार्यालयों एवं निजी स्कूलों व अस्पतालों के 1804 विद्युत कनेक्शनोें की ओर 3.42 करोड रूपए बकाया है.
* बकाया पर ब्याज व विलंब शुल्क से बढा आंकडा
महावितरण द्बारा बकाया विद्युत बिलों पर ब्याज व विलंब शुल्क भी लगाया जाता है. जिसके चलते बकाया विद्युत बिलोें की रकम में और भी अधिक वृध्दि होती है. साथ ही जैसे-जैसे समय बीतता है. वैसे वैसे बकाया बिलों की राशि का आंकडा भी बढता जाता है.्
* अब तक एक भी सरकारी कार्यालय की बिजली नहीं कटी
महावितरण द्बारा सर्वसामान्य ग्राहकों की ओर बकाया रहनेवाले विद्युत बिलों की वसूली के लिए जमकर अभियान चलाए जाते है तथा बिल भरने में सहयोग नहीं करनेवाले कनेक्शन धारकों की विद्युत आपूर्ति को खंडित भी कर दिया जाता है. लेकिन विद्युत बिल बकाया रहने के चलते आज तक किसी भी सरकारी कार्यालय की विद्युत आपूर्ति काटी जाने की घटना अमरावती जिले में घटित नहीं हुई है. विशेष उल्लेखनीय है कि स्कूल, अस्पताल, जलापूर्ति योजना व सरकारी कार्यालयों का आम नागरिकों की मूलभूत जरूरतों में समावेश होता है. जिसके चलते उनकी विद्युत आपूर्ति को खंडित करने में काफी दिक्कतें पेश आती है.
* सरकारी कार्यालयों की ओर बकाया रहनेवाले विद्युत बिलों की वसूली हेतु उन्हें नोटिस भेजी जाती है. सबसे अधिक बकाया जलापूर्ति योजना व स्ट्रीट लाइट के कनेक्शनों की ओर है.
दीपक देवहाते,
अधीक्षक अभियंता, महावितरण