सरकार के पास ‘छात्रवृत्ती’ का 32 करोड का शुल्क बकाया
परीक्षा परिषद के प्रस्तावों की दखल नहीं ली
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद के छात्रवृत्ती परीक्षा का 32 करोड रुपए का शुल्क वापसी राज्य सरकार के पास बकाया है. यह रकम मिलनी चाहिए, इसके लिए परीक्षा परिषद ने सरकार के पास प्रस्ताव भी दिया है. किंतु उसे प्रतिसाद नहीं मिला. कक्षा 5वीं व 8वीं की परीक्षा के लिए सरकार की ओर से प्रवेश व परीक्षा शुल्क निश्चित कर दिये गए थे. सर्वसाधारण विद्यार्थियों के लिए प्रति प्रवेश शुल्क 20 रुपए व परीक्षा शुल्क 60 रुपए इस तरह कुल 80 रुपए लिये जाते है. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, भटकी जाति व विमुक्त जनजातिक के पिछडावर्गीय विद्यार्थी व दिव्यांग विद्यार्थियों की ओर से प्रति प्रवेश शुल्क 20 रुपए लिया जाता है. इन विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क सरकार की ओर से माफ किया गया है. जमा व खर्च इसका विचार किया तो छात्रवृत्ती परीक्षा के लिए परीक्षा परिषद को खर्चा ही ज्यादा करना पडता है. जिससे नुकसान सहना पडता है. परीक्षा शुल्क 80 रुपए की बजाए 200 रुपए करने का प्रस्ताव भी सरकार ने मंजूर किया है. 2002 से छात्रवृत्ती परीक्षा के आर्थिक नुकसान की रकम मिलनी चाहिए, इसके लिए परीक्षा परिषद की ओर से राज्य सरकार के शालेय शिक्षा विभाग के पास प्रस्ताव भेजे है. किंतु इसकी दखल नहीं ली गई.