अमरावतीमहाराष्ट्र

संचमान्यता संबंधित शासन निर्णय रद्द करने के विषय पर शासन निती नकारात्मक

महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिती का कहना

अमरावती/दि.8– स्थानीय स्वराज्य संस्था के व अनुदानित शाला के संच मान्यता से संबंधित शासन की निती नकारात्मक है. विधान परिषद में इस संबंध में दिए गए उत्तर पर शासन की निती स्पष्ट दिखाई देती है. इस तरह का आक्षेप महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिती के राजाध्यक्ष विजय कोंबे ने दर्ज की.
15 मार्च को संच मान्यता का शासन निर्णय रद्द करने की मांग महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिती व्दारा की गई है. अन्य भी माध्यमिक शिक्षक संगठन ने शासन निर्णय रद्द करने की मांग के लिए प्रयत्न चलाया है. विधान परिषद के मानसून अधिवेशन में शिक्षक विधायक सुधाकर अडबाले व अन्य 25 विधायकों ने 15 मार्च का संच मान्यता शासन निर्णय रद्द करने की मांग तारांकित प्रश्नव्दारा शासन से की. प्रश्न का उत्तर देते हुए राज्य के शालेय शिक्षण मंत्री दीपक केसरकर ने शासन निर्णय रद्द करने के बारे में या सुधार करने के बाबत किसी भी प्रकार से स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया. कम पंसद की शाला पर सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों की नियुक्त करने के संबंध में भी किसी की तरह की भूमिका मंत्री ने नहीं ली. इस शासन निर्णय के कारण राज्य के एक तृतियांश शिक्षक के पद भविष्य में व्यापकता होगे. इसी तरह सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों की नियुक्ती करने से शालेय व शालेय संबंधित प्रशासनिक काम में बेहद समस्या निर्माण होगी. गुणवत्ता संवर्धन के संबंध में विपरीत परिणाम भविष्य में निर्माण होना है. ऐसी स्थिती रहते हुए भी गोरगरीब मध्यमवर्गीयों के पाल्यों का गुणवत्तापूर्ण शिक्षण की सुधारित संख्या मान्यता के मापदंड के अनुसार होना है. इसलिए भी शासन ने तथाकथित मितव्ययी नाम पर ली गई संच मान्यता का शासन निर्णय बाबत की भूमिका निराश करने वाली रहेगी. जिसके चलते भविष्य में इसका दुरगामी विपरीत परिणाम हो सकता है. ऐसी प्रतिक्रिया महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिती के राजाध्यक्ष विजय कोंबे ने दी है. यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति व्दारा राज्य प्रसिध्दी प्रमुख राजेशख सावरकर ने दी.

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