
* केंद्र शुरु करने की मांग
अमरावती/दि.21-खरीफ सीजन के सभी उपज माल की सरकारी खरीदी बंद होने से खुले बाजार में खरीदारों ने दाम में कम कर दिए है. सरकारी खरीदी बंद होने से सरकार को आर्थिक तंगहाली का सामना करना पड रहा है. उनके आर्थिक संकट का फायदा उठाकर खरीदारों ने दर कम किए है. गारंटी मूल्य से कम दाम से उपज माल बेचने की नौबत सरकार ने किसानों पर ला दी है.
खरीफ सीजन में कपास, सोयाबीन व तुवर यह मुख्य फसल होकर इसमें सालभर का अर्थाजन होता है. तीनों फसल नकद पैसा दिलाने वाली रहने से किसानों को बडी उम्मीद होती है. पिछले दो-तीन साल से कृषि माल के दाम गिरने से राज्य सरकार ने गारंटी मूल्य से सरकारी खरीदी शुरु की. सोयाबीन और तुवर की नाफेड के माध्यम से तो कपास की खरीदी सीसीआई द्वारा करने की नीति लागू की है. सोयाबीन की खरीदी लक्ष्य पूरा होने से पहले ही बंद कर दी गई. तीनों फसलों की सरकारी खरीदी बंद होने से किसानों को उपज माल बिक्री के लिए निजी बाजार के अलावा विकल्प नहीं बचा.
राहत देने का केवल दिखावा
राज्य सरकार किसानों को राहत देने का केवल दिखावा कर रही है. तुवर खरीदी के आदेश तो निकाले, लेकिन केंद्र अभी तक शुरु ही नहीं किया. सोयाबीन व कपास की खरीदी बंद की है. किसान अब किससे न्याय मांगे? यह सवाल निर्माण हो गया है.
-अरविंद कोरडे, किसान,
दहिगांव
राहत दिलाना है तो राज्य सरकार ने तुरंत सरकारी खरीदी केंद्र शुरु करना चाहिए. जब तक किसानों के उपज माल की खरीदी नहीं होती तब तक खरीदी शुरु रखनी चाहिए.
-नरेंद्र तायडे, किसान,
शिराला.