अमरावतीमहाराष्ट्र

जिले में 4.88 लाख परिवारों को सरकारी राशन का सहारा

गेंहू के बादल चांवल में बढोत्तरीः 1914 राशन दुकान से होता है अनाज वितरण

अमरावती/दि.28– जिले में कितने ही परिवारों की उपजीविका के लिए राशन दुकान से मिलने वाले अनाज आधार बन रहे है. जिले में 4 लाख 88 हजार 205 परिवारों में 19 लाख 42 हजार 889 व्यक्ती राशन पर निर्भर है. इन कार्ड धारकों को अंत्योदय में 35 किलो अनाज व प्रमुख गट को 5 किलो अनाज हर महिने में दिए जाते है. जिले के 1 हजार 914 सरकारी राशन दुकान से इस अनाज का वितरण होता है.
इसके पहले राशन कार्ड पर पात्र कार्डधारकों को अनाज मिलता था. मगर इसमें बडे पैमाने पर अनाज की गडबडी होने के चलते निर्देश आने पर सरकार की ओर से ऑनलाईन यानी पॉश मशीन के व्दारा वितरण शुरू किया गया है. जिसके चलते लाभार्थियों को अनाज लेते समय उनका रजिस्ट्रेशन होता है. प्रमुख गट में 1 लाख 27 हजार 603 कार्डधारक है. 4 लाख 76 हजार 624 व्यक्तियों का इसमें समावेश है. इन कार्डधारकों को गहूं कम कर चांवल की मात्रा का प्रमाण बढाया गया है. जिसके चलते अब प्रतिव्यक्ति 1 किलो गहूं व 4 किलो चांवल दिये जा रहे है. अंत्योदय में 3 लाख 60 हजार 602 कार्डधारक है. जिसमें 14 लाखथ 66 हजार 265 व्यक्ती है. ऐसे 4 लाख 88 हजार 205 परिवारों को राशन का सहारा मिल रहा है. इन परिवारों में 19 लाख 52 हजार 889 व्यक्तियों का समावेश है. इन परिवारों को 1914 राशन दुकानों से अनाज वितरित किया जा रहा है. कोरोना काल में राशन में सर्वाधिक लाभ नागरिकों को हुआ. इसके व्यतिरिक्त जिले में 1 लाख 33 हजार 96 कार्डधारक को अनाज नहीं दिया जाता है. इसके बदले उन्हें 150 रुपये खाते में जमा किया जाता है. सरकार की ओर से मिलने वाले राशन समय पर नहीं मिलता. कभी कभी तकनिकी परेशानी के चलते कुछ अडचने आती है. पॉश मशीन आने से लाभार्थियों को मदद भी हुई. कोरोना काल में सरकार की ओर से गरीबों को मुफ्त अनाज वितरण किया गया. गेंहू की कमी के चलते उसके बदले चांवल मिल रहा है.

शहर में सबसे ज्यादा 73859 कार्डधारक
अमरावती शहर में सबसे ज्यादा 162 राशन की दुकाने है. यहां 7 हजार 961 प्रमुख गटों में व 65 हजार 898 लाभार्थियों को अंत्योदय कार्ड पर सरकारी अनाज दिया जाता है. शहर में 3 लाख 15 हजार 165 व्यक्तियों का इसमें समावेश है.

गरीबों को मुफ्त अनाज
केंद्रिय मंत्रीमंडल ने जरुरतमंद नागरिकों को मुफ्त अन्नधान्य उपलब्ध कर देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और पांच वर्ष यानी दिसंबर 2028 तक बढाने का प्रस्ताव (फ्री राशन योजना) को मंजुरी दी है.
निनाद लांडे, आपूर्ती अधिकारी

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