अमरावतीमहाराष्ट्र

रेती का शासकीय डिपो बंद, अब निलामी की जाएगी

महिने के अंत में होगी प्रक्रिया

अमरावती /दि. 7– रेती घाट की निलामी की जानेवाली है, यह बात स्पष्ट हो गई है. पुरानी प्रणाली से ही यह निलामी करने के नियम पर आपत्ति व शिकायते मंगवाई गई है. इसके लिए शुक्रवार 7 फरवरी तक अवधि दी गई थी. इस माह के अंत में निलामी प्रक्रिया प्रारंभ होने की संभावना प्रशासन द्वारा दर्शायी गई है.
पिछले दो साल से चलाई जा रही प्रक्रिया निरर्थक साबित होने से शासन ने इस नियम में बदलाव करने का निर्णय लिया है. इसके पूर्व बांधकाम करनेवालों को शासकीय डिपो से 600 रुपए प्रति ब्रास के भाव से रेती की आपूर्ति की जा रही थी. इसके लिए ऑनलाइन प्रणाली अमल में थी. लेकिन इस प्रणाली में रेती वहन करने का खर्च अधिक रहने से रेती के लिए अधिक पैसे गिनने पड रहे थे. इस कारण राजस्व विभाग द्वारा चलाए जा रहे नियम को प्रतिसाद नहीं मिला और अपेक्षित राजस्व न मिलने से यह नीति फेल हो गई. अब इसमें बदलाव कर फिर से एक बार पुराने तरीके से ही रेती घाट की निलामी करने का नियम लागू करने में देरी हुई. लेकिन वह नियम फिर से लागू करने का निर्णय लिया है. जिले में कुल 44 रेती घाट है. जिसकी निलामी की जानेवाली है. यह सभी घाट विविध नदियों के है. नए नियम में बडे नाले और उपनदियों से मिलनेवाली रेती का भी समावेश करने का भी विचार शुरु है. शुक्रवार 7 फरवरी तक इस आपत्ति व शिकायते मंगवाई गई थी. इस माह के अंत में अब निलामी होने की संभावना है.

* क्या है सुधारित नियम?
सुधारित नियम में रेती घाट से रेती का उत्खनन करना तथा पारंपरिक व्यवसाय करनेवाले स्थानीय व्यक्तियों को बिना निलामी लाईसेंस प्रणाली का इस्तेमाल कर रेती घाट उपलब्ध कर देना, निजी खेत जमीन में नैसर्गिक कारणों से अथवा अन्य कारणों से जमा हुई रेती निष्कासन कर खेत जमीन बुआई योग्य करने के लिए रेती का निष्कासन करना तथा नैसर्गिक रेती का पर्यावरणीय महत्व, नैसर्गिक रेती की किल्लत आदि बातों को विचार में लेकर किसी कांक्रीट के निर्माण में कृत्रिम रेती के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देकर अधिक से अधिक कृत्रिम रेती का इस्तेमाल करना तथा पर्यावरण अनुमति प्राप्त रेती घाट से खाडी व नदी के रेती घाट के लिए निलामी प्रक्रिया पर अमल कर रेती उत्खनन करना और बडी खदान के ओवर बर्डन से निकलने वाली रेती का इस्तेमाल करना आदि का समावेश है.

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