अमरावती के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दे सरकार
बजट सत्र में विधायक सुलभा खोडके ने उठाई पूरजोर मांग

* मेगा टेक्सटाईल पार्क, आईटी हब, सुपर स्पेशालिटी, कृषि सोलर पंप, सडक विकास, सिंचाई व पर्यटन के मुद्दे उठाए
* विभागीय क्रीडा संकूल हेतु डीपीसी में 1 फीसद निधि आरक्षित रखने की मांग उठाई
* लाडली बहन योजना का अनुदान बढाने तथा संजय गांधी व श्रावणबाल योजना का अनुदान तुरंत देने का मुद्दा रखा
* पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी व छत्रपति संभाजी महाराज स्मारक हेतु मांगी निधि
अमरावती/दि. 12 – राज्य विधान मंडल के जारी बजट सत्र में डेप्युटी सीएम व वित्तमंत्री अजित पवार द्वारा रखे गए बजट का स्वागत करते हुए अमरावती की विधायक सुलभा खोडके ने इस शानदार बजट हेतु डेप्युटी सीएम अजित पवार व महायुति सरकार का अभिनंदन करने के साथ ही सरकार से अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के समग्र विकास पर ध्यान देने की मांग की. डेप्युटी सीएम अजित पवार द्वारा पेश किए गए बजट पर अपने विचार रखने के साथ ही विधायक सुलभा खोडके ने सरकार के समक्ष कई पुरक मांगे भी रखी. जिनके संदर्भ में विधायक सुलभा खोडके का कहना रहा कि, तेजी से विकसित व विस्तारीत हो रहे अमरावती शहर में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, क्षेत्र का औद्योगिक विकास करने तथा अमरावती शहर में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए शहर का सौंदर्यीकरण करने हेतु कुछ मुद्दों की ओर सरकार द्वारा ध्यान दिया जाना बेहद जरुरी है.
अपने करीब साढे 12 मिनट के संबोधन में विधायक सुलभा खोडके ने बडे ही प्रभावी तरीके से एक के बाद एक सिले-सिलेवार मुद्दे रखते हुए कहा कि, पूरे महाराष्ट्र में केवल अमरावती की नांदगांव पेठ स्थित पंचतारांकित एमआईडीसी में पीएम मित्रा मेगा टेक्सटाईल पार्क शुरु किया जा रहा है. जहां पर रास्ते व स्ट्रीट लाईट का काम पूरा करते हुए औद्योगिक इकाईयों हेतु भूखंड तैयार कर लिए गए है. परंतु इन भूखंडों के दाम अमरावती शहर में स्थित जमीन से भी काफी अधिक है. जिसके चलते उद्योजकों द्वारा इस औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड लेने को लेकर रुची नहीं दर्शायी जा रही है. ऐसे में उद्योगों को इस मेगा टेक्सटाईल पार्क की ओर आकर्षित करने हेतु भूखंडों के दाम घटाए जाने की सख्त जरुरत है. इसी तरह अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में विद्युत एवं विभिन्न करों की दरें काफी अधिक है. जिसकी वजह से औद्योगिक इकाईयों का महाराष्ट्र से अन्य राज्यों में पलायन हो रहा है. इसे रोकने हेतु विद्युत एवं कर की दरों को भी कम किया जाना जरुरी है. इसके लिए डेप्युटी सीएम अजित पवार द्वारा ध्यान देते हुए संबंधित महकमों के साथ बैठक आयोजित की जानी चाहिए.
इसके साथ ही विधायक सुलभा खोडके ने नई मुंबई में 250 एकड क्षेत्रफल में साकार होनेवाली इनोवेशन सिटी की तर्ज पर अमरावती में वर्क फ्रॉम टाऊन की संकल्पना को साकार करने के लिए आईटी हब बनाए जाने की मांग भी पूरजोर तरीके से उठाई. जिसे लेकर विधायक सुलभा खोडके का कहना रहा कि, अमरावती में सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय सहित विभिन्न अभियांत्रिकी महाविद्यालय है. जहां से प्रति वर्ष हजारों विद्यार्थी अपनी पढाई पूरी करने के बाद नौकरी व रोजगार हेतु मुंबई व पुणे जैसे बडे शहरों की राह पकडते है. ऐसे में यदि सरकारी इंजिनिअरिंग कॉलेज में उपलब्ध रहनेवाली 115 एकड जमीन को अधिग्रहीत करते हुए सरकार द्वारा वहां पर आईटी पार्क बनाया जाता है और आईटी सेक्टर की कंपनियों को वहां पर अपने वर्क प्लेस साकार करने हेतु आमंत्रित किया जाता है तो अमरावती में एक शानदार आईटी हब साकार हो सकता है और अमरावती के उच्च शिक्षित युवाओं को अपने ही शहर में रोजगार के शानदार अवसर मिल सकते है.
इसके साथ ही विधायक सुलभा खोडके ने घरेलू एवं कृषि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं को विषद करते हुए केंद्र सरकार द्वारा शुरु की गई प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की प्रशंसा की तथा विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध व निशुल्क बिजली मिलने के प्रयासों की प्रशंसा की. साथ ही विधायक सुलभा खोडके ने किसानों से उनकी उपज को न्यूनतम गारंटी मूल्य पर नाफेड द्वारा खरीदे जाने की जरुरत प्रतिपादित करते हुए कहा कि, बाजार में उचित मूल्य नहीं मिलने की वजह से अब भी कई किसानों के घर में उनकी सोयाबीन पडी हुई है. इसके अलावा विधायक सुलभा खोडके ने पंचवटी चौक से छत्रपति संभाजी चौक व रेवसा परिसर के बीच नए सिरे से विकसित हो रहे अमरावती शहर और इस क्षेत्र की मुख्य सडक पर वाहनों की लगातार बढती भीड के विषय को सदन में उपस्थित करते हुए पंचवटी चौक से छत्रपति संभाजी चौक के बीच 1300 करोड रुपए की लागत से नए उडानपुल का निर्माण किए जाने को मंजूरी मिलने की मांग भी उठाई और इस उडानपुल हेतु केंद्र सरकार की सीआरएफ योजना के तहत निधि उपलब्ध कराए जाने की मांग की. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक योजना की तर्ज पर शहरी सडक योजना के तहत शहरी क्षेत्र के अंतर्गत रास्तों के लिए भी निधि उपलब्ध कराए जाने की मांग उठाई.
राज्य सरकार द्वारा पर्यटन विकास हेतु एक लाख करोड रुपयों का प्रावधान किए जाने का उल्लेख करते हुए विधायक सुलभा खोडके ने अमरावती शहर में शिवटेकडी, वडाली उद्यान व तालाब तथा बांबू गार्डन को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने हेतु निधि उपलब्ध कराए जाने की मांग उठाई. साथ ही राज्य सरकार द्वारा महापुरुषों के स्मारक हेतु निधि का प्रावधान किए जाने की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि, अमरावती शहर में पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी चौक व छत्रपति संभाजी महाराज चौक पर इन दोनों महान विभुतियों का स्मारक बनाए जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा निधि उपलब्ध कराई जानी चाहिए. इसके साथ ही विधायक सुलभा खोडके ने स्वास्थ क्षेत्र में अमरावती संभाग के लिए वरदान साबित हो रहे सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के दो चरण सफलतापूर्वक कार्यान्वित रहने की जानकारी देते हुए कहा कि, अब इस अस्पताल को तीसरे चरण को शुरु करने हेतु राज्य सरकार द्वारा निधि उपलब्ध कराई जानी चाहिए. ताकि अमरावती शहर व जिले सहित समूचे संभाग के लिए बेहतर स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. इसी तरह खेल सुविधाओं के विकास का मुद्दा उठाते हुए विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, जिस तरह डीपीसी की निधि में जिला क्रीडा संकूल हेतु एक फीसद निधि उपलब्ध कराई जाती है, ठीक उसी तर्ज पर संभागीय मुख्यालय रहनेवाले अमरावती शहर में स्थित विभागीय क्रीडा संकूल के लिए भी डीपीसी में एक फीसद निधि आरक्षित रखी जानी चाहिए, ताकि विभागीय क्रीडा संकूल में भी खिलाडियों हेतु खेल सुविधाओं का विकास किया जा सके.
इन सबके साथ ही विधायक सुलभा खोडके ने सरकार के समक्ष निवेदन रखा कि, चुनावपूर्व किए गए वादे के अनुसार लाडली बहन योजना की पात्र महिला लाभार्थियों के खाते में अब जल्द से जल्द 1500 रुपए की बजाए 2100 रुपए प्रति माह का लाभ प्रदान किया जाए. इसके साथ ही संजय गांधी निराधार योजना व श्रावणबाल योजना के लाभार्थियों को भी 6-6 माह की बजाए प्रति माह योजना के अनुदान का लाभ देने की व्यवस्था की जाए. इसके अलावा विधायक सुलभा खोडके ने अमरावती विमानतल को 31 मार्च से शुरु किए जाने के संदर्भ में डेप्युटी सीएम अजित पवार द्वारा की गई घोषणा का स्वागत करने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा वैनगंगा-पैनगंगा नदी जोड प्रकल्प में अमरावती जिले के खारेपानी वाले क्षेत्र का समावेश किए जाने पर खुशी भी जताई और कहा कि, इससे जिले के खारपाण पट्टेवाले क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाओं का विकास होगा.