अमरावती

सरकार ने अनाथ व एकल बालकोें की निधी रोकी

पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने लगाया आरोप

अमरावती/दि.23 – राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ने इससे पहले महाविकास आघाडी सरकार द्वारा लिये गये फैसलों को रद्द करने का सिलसिला शुरू किया है. जिसके तहत अनाथ व एकल बालकों हेतु दी जानेवाली निधी को रोकने का पाप ‘ईडी’ (एकनाथ-देवेंद्र) सरकार ने किया है. इस आशय का सनसनीखेज आरोप महिला व बालविकास विभाग की पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने लगाया है.
राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा मंत्री मंगलप्रभात लोढा को आडे हाथ लेते हुए पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, सरकार द्वारा अपने फायदे के लिए इसमें पहले जनहित में लिये गये फैसलों को बदला जा रहा है. यह किसी भी लिहाज से योग्य नहीं है. इस सरकार में असंवेदनशील लोग भरे हुए है. एक भवन निर्माण व्यवसायी को महिला व बालकल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया है, जो केवल सिमेंट कांक्रीट के जंगल खडे कर सकता है और खुद उसका दिल भी सिमेंट कांक्रीट की तरह पत्थर हो गया है. वित्त विभाग ने भी इसे लेकर नकारात्मक अभिप्राय दिया है. इन सभी बातों का पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने निषेध किया है और जानना चाहा है कि, अनाथ बच्चों, एकल महिलाओं और अपने दोनों अभिभावक खो चुके बच्चों के हितों हेतु लिये गये निर्णय को राज्य सरकार कैसे बदल सकती है.
पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने बताया कि, बाल संगोपन के लिए प्रत्येक लाभार्थी को प्रतिमाह 2 हजार 500 रूपये मिले, इस हेतु खुद उन्होंने मंत्री रहते समय आवश्यक प्रयास किये थे. जिसके बाद महाविकास आघाडी सरकार के वित्त मंत्री ने अपने बजट में इसे लेकर घोषणा की थी. परंतु अब सत्ता में आयी सरकार ने अन्य कई फैसलों की तरह इस फैसले को भी पलट दिया है और अनाथ बच्चों व एकल महिलाओं को दी जानेवाली निधी को रोके जाते ही यह स्पष्ट हो गया है कि, यह सरकार आम जनता के लिए पूरी तरह से निर्दयी है.

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