अमरावतीमहाराष्ट्र

सरकारी मीडिया मॉनिटरिंग का निर्णय ले पीछे

पत्रकारों का राज्यव्यापी कलम बंद आंदोलन

* जिलाधिकारी को पत्रकारों ने सौंपा पेन
अमरावती /दि.13– महाराष्ट्र सरकार द्वारा न्यूज चैनल, वृत्तपत्र पर खबरों का संकलन व विश्लेषण करने का काम निजी संस्था को देने का निर्णय लिया है. यह निर्णय पत्रकारिता के मूलभूत तत्वों को और लोकतांत्रिक मूल्यों पर बाधा लाने वाला है. यह निर्णय वापिस लेने की मांग को लेकर महाराष्ट्र राज्य मराठी पत्रकार संघ के पदाधिकारियों ने बुधवार 12 मार्च को जिलाधिकारी को पेन देकर राज्यव्यापी आंदोलन के तहत कलमबंद आंदोलन किया.
पत्रकारिता का मुख्य मकसद जनता तक सच्चाई और विविध जानकारी पहुंचाना है. लेकिन सरकार की तरफ इस काम के लिए निजी संस्था नियुक्त करने का निर्णय लिये जाने से खबरों पर अप्रत्यक्ष सेंसरशीप लगाने जाने का खतरा है. यह निर्णय सरकार द्वारा मतप्रवाह को दबाने और प्रसाद माध्यम पर अंकुश रखने का प्रयास रहने की बात करते हुए महाराष्ट्र राज्य पत्रकार संघ ने इस निर्णय का कडा विरोध किया है. सरकार द्वारा पारदर्शिता न रखते हुए निजी संस्था को यह काम सौंपना यानि अखबारों पर नियंत्रण रखने का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष प्रयास है. सरकार की तरफ से लादी गई यह अघोषित आनीबानी तत्काल पीछे ली जाये, राज्य सरकार द्वारा निजी संस्था के जरिए मीडिया मॉनिटरिंग करने का लिया निर्णय तत्काल पीछे लेने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के जरिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन भेजा गया है. आंदोलन में महाराष्ट्र राज्य पत्रकार संघ के विदर्भ प्रदेशाध्यक्ष नयन मोंढे, सुधीर गणवीर, उज्वल भालेकर, सागर तायडे, मिनाक्षी कोल्हे, अर्चना रक्षे, अनिरुद्ध उगले, संजय तायडे, विकास भंडर, विजय गायकवाड, सागर डोंगरे, शुभम मेश्राम, स्वप्निल सवाले, सागर तायडे, गजानन खोपे, राजेंद्र ठाकरे, विक्रांत ढोके, अतुल नाईक, मनीष गुडधे आदि का समावेश रहा.

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