लव जेहाद कानून से पहले सरकार ने उठाया बडा कदम
10 सदस्यीय समिति होगी स्थापित
* अंतर धर्मिय विवाह करने वाली लडकियों की जुटाई जाएगी जानकारी
* महिला व बालविकास मंत्री मंगलप्रभारत लोढा ने दी जानकारी
मुंबई/दि.10 – श्रद्धा वालकर हत्याकांड के चलते महाराष्ट्र में भी लव जेहाद विरोधी कानून लाए जाने की चर्चाएं शुरु हो गई है और कहा जा रहा है कि, इसे लेकर संभवत: नागपुर शीतसत्र के दौरान विधेयक रखा जाएगा. परंतु इस पर कुछ भी स्पष्ट करना राज्य के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने टाल दिया है. लेकिन पता चला है कि, इस विधेयक को लाने से पहले आंतरधर्मिय विवाह करने वाली लडकियों की सुरक्षा हेतु शिंदे-फडणवीस सरकार ने एक बडा कदम उठाया है. जिसके बारे में जानकारी देते हुए राज्य के महिला व बालविकास मंत्री मंगलप्रभात लोढा ने बताया कि, आगामी 7 दिनों के भीतर ऐसे मामलों के लिए 10 सदस्यीय समिति स्थापित की जाएगी. जो इस बात की जांच व पडताल करेगी कि, इससे पहले प्रेम विवाह विशेषकर आंतरधर्मिय विवाह कर चुकी लडकियों की जिंदगी में इस समय क्या चल रहा है और वैवाहिक जीवन में उनकी क्या स्थिति है.
मंत्री मंगलप्रभात लोढा के मुताबिक श्रद्धा वालकर मामले में जो कुछ भी घटित हुआ, वह सबके सामने ऐसे मामलों में लडके-लडकी अपने परिवार से छिपकर आंतरधर्मिय विवाह करते है और अपने परिवार से अलग हो जाते है. जिसके चलते परिवार के पास इस बात की कोई जानकारी नहीं रहती कि, उनके बच्चे विशेषकर बेटी कहां और किस हाल में है. इसी वजह से श्रद्धा वालकर हत्याकांड जैसे मामले घटित होते है. अत: भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो, इस बात के मद्देनजर अपने परिवार के इच्छा के खिलाफ जाकर विवाह करने वाले युवक-युवतीयों से सरकार द्बारा संवाद साधा जाएगा. साथ ही जरुरत पडने पर उन्हेंं आवश्यक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी. जिसके लिए प्रेम विवाह करने के बाद अपने परिवार से दूर हो चुकी लडकियों के लिए राज्य सरकार द्बारा आगामी 7 दिनों के भीतर 10 सदस्यों की समिति स्थापित की जाएगी और इस समिति द्बारा प्रेम विवाह कर चुकी लडकियों के वैवाहिक जीवन की स्थिति को जाना जाएगा.
* राज्य में बनेगा लव जेहाद विरोधी कानून
उल्लेखनीय है कि, वसई निवासी श्रद्धा वालकर की दिल्ली में हुई हत्या के बाद राज्य सहित समूचे देश में लव जेहाद का मामला जमकर गरमाया हुआ है और महाराष्ट्र में भी लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाए जाने की मांग जोर पकड रही है. पता चला है कि, इस संदर्भ में विधेयक का मसौदा तय करने हेतु भाजपा विधायक नितेश राणे सहित कुछ विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिनके द्बारा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व कर्नाटक में अमल में लाए जा रहे कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है.