अमरावती

‘आमझरी’ शहद के गांव की ओर सरकार की अक्षम्य उपेक्षा

विकास से वंचित

चिखलदरा/दि.21– विदर्भ का नंदनवन रहने वाले चिखलदरा तहसील के निसर्ग संपन्न आमझरी गांव को शहद के गांव के रूप में विकसित करने का निर्णय एक साल पहले लिया गया था, लेकिन जिला प्रशासन की अक्षम्य उपेक्षा के कारण विदर्भ के पहले और महाराष्ट्र के दूसरे आमझरी शहद गांव का विकास रुका हुआ है.

राज्य सरकार के शहद निदेशालय, महाबलेश्वर के खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से राज्य में एक शहद गांव विकसित करने की योजना शुरू की गई थी. महाराष्ट्र के पहले शहर के गांव मागर जिला सातारा उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के हाथों उद्घाटन कर विकसित किया गया. इसके बाद पर्यटन स्थल रहने वाले चिखलदरा तहसील के आमझरी गांव को विकसित करने के लिए खादी ग्रामोद्योग मंडल की कार्यकारी संचालक आंशू सिन्हा ने आमझरी में पौधारोपण कर विदर्भ का पहला और राज्य का दूसरा शहर का गांव के रूप में घोषित किया. मेलघाट टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित इस सुंदर आमझरी प्रकृति पर्यटन परिसर में हजारों पर्यटक आते हैं. इसलिए तत्कालीन जिलाधिकारी पवनीत कौर ने इस गांव का चयन कर रोजगार उपलब्धि के लिए जिला खादी ग्र्रामोद्योग मंडल को प्रकल्प विकास प्रारूप बनाने की सूचना देकर जिला नियोजन मंडल द्वारा निधि उपलब्ध कराने की योजना हाथ में ली गई.
खादी ग्राम उद्योग मंडल का शहद का गांव यह संकल्पना राज्य सरकार के बजटीय अधिवेशन में घोषित की गई. सत्ता परिवर्तन होने के बाद विदर्भ का पहला शहद गांव विकसित होगा, ऐसी उम्मीद मेलघाट के ग्रामवासियों को थी. किंतु विकास के लिए कोई निधि उपलब्ध नहीं करायी गयी है.

दूसरी ओर, कोल्हापुर जिले के पाडगांव गांव को मधुसंचलनालय द्वारा विकसित किया गया है और उक्त गांव को पर्यटन क्षेत्र का पुरस्कार भी मिला है. राज्य स्तरीय अधिकारी अंशू सिन्हा के दौरे के बाद महाराष्ट्र राज्य खादी बोर्ड के अध्यक्ष रवींद्र साठे ने भी गांव का दौरा किया. यहां के प्राकृतिक मधुमक्खी छत्तों के नैसर्गिक सौंदर्य को देखकर शत-प्रतिशत आदिवासी बहुल इस गांव को जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे प्राथमिकता के आधार पर निधि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था.

आमझरी शहद गांव के विकास के लिए जब खादी बोर्ड के अध्यक्ष रवींद्र साठे से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बाघ परियोजना पर सहमति व्यक्त कर एमओयू लंबित होने की बात कही.

* शहद के गांव के समिति अध्यक्ष के रूप में जिलाधिकारी सौरभ कटियार को खादी मंडल द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई, ऐसा जिलाधिकारी कार्यालय के संपर्क सूत्रों ने बताया.
* अमरावती जिले के पूर्व पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खादी बोर्ड की ओर से शहद के गांव के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है. चंद्रकांत दादा पाटिल को वर्तमान में अमरावती जिले का पालकमंत्री नियुक्त किया गया है. उनके जिले के कोल्हापुर का शहद का गांव पूरे महाराष्ट्र में अपना नाम रोशन कर रहा है लेकिन ग्रामीणों को लगता है कि विदर्भ का पहला हनी विलेज विकास से कोसों दूर है. खादी मंडल की नवनियुक्त कार्यकारी निदेशक आर. विमला द्वारा विदर्भ के नंदनवन के आमझरी शहद के गांव को कितनी प्राथमिकता दी जाएगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं.

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