गोवंश तस्करी कर रहे वाहन ने 2 वाहनों को मारी टक्कर
मोर्शी के जयस्तंभ चौक पर पुलिस ने रुकवाया था
* पकडे जाने के भय से 2 वाहनों को उडाकर भागा चालक
* 4 थानों की पुलिस लगी रही पीछे, 60 किमी तक किया गया पीछा
* मोर्शी के निकट धानोरा के पास पकडा गया गोवंश लदा वाहन
अमरावती/दि.26 – जिले में गोवंश तस्करों के हौसले कितने अधिक बुलंद है और गोवंश तस्करों द्बारा किस हद तक धडल्ले के साथ अपनी और दूसरों की जान को जोखिम में डालकर गोवंश तस्करी की जाती है. इसका एक जिता जागता उदाहरण आज मोर्शी से तिवसा के बीच 4 पुलिस थानों के कार्यक्षेत्र अंतर्गत दिखाई दिया. जब मध्यप्रदेश के आठनेर से निकले गोवंश लदे ट्रक के चालक ने मोर्शी के जयस्तंभ चौक पर पुलिस द्बारा रुकाए जाने के बाद पकडे जाने के भय से अचानक ही दो वाहनों को टक्कर मारी और अपना वाहन लेकर मौके से भाग निकला. जिसके बाद इस वाहन का मोर्शी सहित शिरखेड, माहुली जहागिर व तिवसा ऐसे 4 थानों की पुलिस द्बारा पीछा किया गया तथा करीब 50 से 60 किमी तक पीछा करने के बाद इस वाहन को मोर्शी तहसील अंतर्गत सारसी व धानोरा के बीच पकडा गया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मोर्शी पुलिस को क्षेत्र के गोरक्षकों के जरिए गुप्त सूचना मिली थी कि, मध्यप्रदेश के बैतुल जिलांतर्गत आठनेर के गौबासरा से जामगांव खडका, पांढरघाटी व हिवरखेड होते हुए सफेद रंग का आयशर ट्रक गौवंश लादकर मोर्शी की ओर आ रहा है, जो आगे अमरावती की ओर जाएगा. यह सूचना मिलते ही मोर्शी पुलिस ने तुरंत ही मोर्शी के जयस्तंभ चौक पर नाकाबंदी करते हुए हिवरखेड से मोर्शी की ओर आ रहे सफेद रंग के आयशर ट्रक क्रमांक एमएच-40/6569 को रुकवाया और ट्रक के चालक से पूछताछ करनी शुरु की. इस समय ट्रक के चालक ने अचानक ही अपना ट्रक रिवर्स लेकर पीछे खडे बोलेरो वाहन को टक्कर मारी. जिसके बाद ट्रक को आगे एक अन्य वाहन को टक्कर मारते हुए आयशर चालक अपना ट्रक लेकर मौके से फरार हो गया. यह देखते ही नाकाबंदी में लगे मोर्शी पुलिस के दल ने तुरंत ही मौके से भाग रहे आयशर ट्रक का पीछा करना शुरु किया. वहीं इसकी जानकारी वायरलेस के जरिए आगे के पुलिस थानों को भी दी गई. इस समय तक इस ट्रक के पुलिस की नाकाबंदी से फरार होने की खबर जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भी मिल गई थी. जहां से सभी पुलिस थानों को अलर्ट कर दिया गया था. वहीं उधर मोर्शी के जयस्तंभ चौक से पुलिस की नाकाबंदी तोडकर निकलने के बाद यह ट्रक मोर्शी से आगे बढते हुए लेहगांव, नेरपिंगलाई को पार कर तिवसा तहसील के सारसी व धानोरा परिसर में पहुंचा. जहां पर पुलिस की पकड में आने से बचने के लिए वाहन चालक ने अपने ट्रक को एक कच्चे रास्ते की ओर मोड दिया. परंतु क्षेत्र में विगत 2-3 दिनों से परिसर में अच्छी खासी बारिश हुई है. ऐसे में यह ट्रक किचड में जाकर फंस गया. इस समय तक मोर्शी पुलिस के साथ ही शिरखेड, माहुली व तिवसा पुलिस भी इस ट्रक के पीछे पड चुके थे और चारो पुलिस थानों के पथक ने इस ट्रक को घेर लिया. जिसके बाद जांच करने पर पता चला कि, ट्रक ने बडे पैमाने पर गोवंश लदा हुआ है. ऐसे में ट्रक को मोझरी स्थित गोरक्षण में लाया गया. जहां पर ट्रक में लदे गोवंश के नीचे उतारने का काम शुरु किया गया. वहीं ट्रक को घेरे जाते समय ट्रक का चालक व क्लिनर मौके से फरार होने में कामयाब हो गए. वहीं मोझरी के गोरक्षण में विहिंप के पूर्व गोरक्षा प्रांत प्रमुख विजय शर्मा व जिला मंत्री रुपेश राउत की देखरेख में ट्रक में लदे गोवंश को नीचे उतारा गया. इस ट्रक में कुल 30 गोवंश जानवर लदे हुए थे. जिसमें से 2 जानवरों की मौत हो चुकी थी.
* 7 वर्ष पुराने हादसे की पुनरावृत्ति होते-होते बची
याद दिला दे कि, वर्ष 2016 में जुलाई माह के दौरान ही गोवंश तस्करी कर रहे तेज रफ्तार वाहन ने पुलिस की पकड में आने से बचने के लिए चांदूर बाजार में दुपहिया पर सवार एक परिवार को जोरदार टक्कर मार दी थी. इस हादसे में दुपहिया पर सवार पति-पत्नी व उनके एक बच्चे ऐसे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. उक्त हादसा भी 24-25 जुलाई के दरम्यान घटित हुआ था. वहीं 7 साल बाद मोर्शी में भी लगभग इसी तरह की घटना घटित होते-होते बची है. जहां पर पुलिस की पकड में आने से बचने के लिए गोवंश तस्करी कर रहे आयशर ट्रक ने दो वाहनों को टक्कर मारी और मौके से भाग गया. सौभाग्य से इस बार किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई. विशेष उल्लेखनीय है कि, 7 वर्ष पहले घटित सडक हादसे के बाद जिला प्रशासन एवं ग्रामीण पुलिस ने जिले में गोवंश तस्करी को रोकने हेतु कडे कदम उठाए जाने के लिए कई बार बैठक करते हुए तमाम तरह के बडे-बडे दावे किए थे. लेकिन इसके बावजूद विगत 7 वर्षों के दौरान गोवंश तस्करी व गौमास विक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका है. इससे उलट ऐसे मामले पहले की तुलना में कई गुना अधिक बढ गए है और अब गोवंश तस्करों के हौसले इतने अधिक बुलंद हो गए है कि, वे पुलिस की नाकाबंदी की भी कोई परवाह नहीं कर रहे. याद दिला दे कि, अभी बीते दिनों ही गोवंश तस्करी कर रहे एक ट्रक ने आसेगांव, खोलापुर व दर्यापुर पुलिस को जमकर छकाया था और इस ट्रक को मूर्तिजापुर के निकट पकडा जा सकता था. वहीं आज मोर्शी में रोकने का प्रयास किए गए ट्रक ने पुलिस को करीब 50 से 60 किमी तक अपने पीछे दौडाया. जाहीर सी बात है कि, पुलिस के पीछे लगे रहते समय गौवंश तस्करी करने वाले वाहन के चालकों द्बारा अपने वाहन पूरी रफ्तार से भगाए जाते है और ऐसे समय रास्ते से गुजर रहे अन्य छोटे-बडे वाहनों के साथ उनकी टक्कर होने का पूरा अंदेशा व खतरा बना रहता है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, गोवंश तस्करी को रोकने हेतु बडे-बडे दावे करने की बजाय जिला प्रशासन व पुलिस महकमे द्बारा हकीकत में कठोर कदम उठाए जाए. ताकि गोवंश तस्करी व गोवंश हत्या को रोकने के साथ ही आम लोगों के सिर पर मंडराते तेज रफ्तार वाहनों के खतरे को भी टाला जा सके.