अमरावती

महावितरण की बिजली यंत्रणा पर टैक्स लगाने का अधिकार ग्रापं व नप को नहीं

अमरावती/प्रतिनिधि दि.६ – शासकीय कंपनी रहने वाले महावितरण, महापारेषण व महानिर्मिति की ओर से लिये जा रहे बिजली यंत्रणाओं पर टैक्स लगाने के बाद उसका खामियाजा आम बिजली उपभोक्ताओं पर वृध्दिगत बिजली दर के रुप में पड़ रहा था. इसलिए राज्य के ग्राम पंचायत, नगरपालिका व महापालिका को बिजली यंत्रणाओं पर किसी भी तरह के टैक्स वसूली से तीनों बिजली कंपनियों ने हटाने का निर्णय राज्य सरकार ने 2018 में निकाला था. जिसके तहत अब मौलिक सुविधाओं की बिजली यंत्रणाओं पर सरकारी बिजली कंपनियों पर कोई भी टैक्स लगाने का अधिकार ग्रामपंचायत व पालिका प्रशासन को नहीं है.
बता दें कि महावितरण, महापारेषण व महानिर्मिति इन सरकारी कंपनियों पर सुचारु व अंतिम तबके तक बिजली आपूर्ति कराने की जिम्मेदारी है. इसके लिये बिजली कंपनी व उनकी फ्रेन्चाइजी की ओर से राज्य में विविध जगहों पर आवश्यक मौलिक सुविधाएं स्थापित की जाती है. इनमें ऊपरी व भूमिगत केबल बिछाने, डीपी, उपकेंद्र, बिजली पोल आदि स्थापित किये जाते हैं. इन सभी यंत्रणाओं पर पहले संबंधित ग्रामपंचायत, नगरपालिका व मनपा प्रशासन की ओर से विविध टैक्स वसूले जाते थे. इन टैक्स का बोझ महावितरण सहित तीनों बिजली कंपनियों के सालाना राजस्व की जरुरतों में समाहित किया जाना था. जिसके परिणामस्वरुप राजस्व की जरुरतों में बढ़ोत्तरी होने से इन टैक्स का समावेश बिजली दरों में हो रहा था. वहीं बिजली दरों में भी इजाफा हो रहा था. टैक्स वसूली से वृध्दिगत बिजली दर का खामियाजा सभी बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा था. इसलिए 20 दिसंबर 2018 में एक आदेश पारित कर महावितरण की बिजली यंत्रणाओं पर कोई भी टैक्स लादने का अधिकार ग्राम पंचायत व पालिका प्रशासन को नहीं रहने के निर्देश दिये गये.

  • बिल नहीं भरने पर कटेगी बिजली

बिजली बिल न भरने के कारण सार्वजनिक जलापूर्ति योजनाओं के पानी के बिल और कई ग्राम पंचायतों व मनपा क्षेत्र के स्ट्रीट लाइटों की बिजली आपूर्ति बंद करने की कार्रवाई बिजली कंपनी व्दारा की जा रही है. राज्य सरकार के 23 जून 2021 के आदेशानुसार 15 वें केंद्रीय वित्त आयोग के संयुक्त अनदान से स्ट्रीट लाईटों के विद्युत बिल तथा बंधित अनुदान से जलापूर्ति योजनाओं के विद्युत बिलों का भुगतान करने के आदेश दिये गये हैं. कुछ जिलों में कुछ ग्राम पंचायतों ने महावितरण की बिजली व्यवस्था पर टैक्स वसूली के नोटिस जारी किये हैं. लेकिन संबंधित टैक्स से कंपनी मुक्त है और स्थानीय निकाय संस्थाओं को बकाया बिल अदा करना बंधनकारक है. वर्ना संबंधित बिजली के कनेक्शन काटने की कार्रवाई कंपनी व्दारा की जाएगी.

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