अमरावती

रेती-गिट्टी वाले वाहनों में जीपीएस जरुरी

गौण खनिज की चोरी व अवैध ढुलाई रोकने हेतु सरकार का आदेश

अमरावती/दि.13 – गौण खनिज की चोरी एवं अवैध ढुलाई को रोकने हेतु राज्य सरकार ने रेती व गिट्टी की ढुलाई करने वाले सभी वाहनों पर जीपीएस लगाना अनिवार्य किया है. परंतु इस सरकारी नीति पर जिले में कोई भी अमल होता दिखाई नहीं दे रहा. वहीं जीपीएस लगाए बिना गौण खनिज की अवैध ढुलाई करने वाले वाहनों पर कोई कार्रवाई भी होती नहीं दिखाई दे रही. ऐसा आरोप आम नागरिकों द्बारा लगाया जा रहा है.
बता दें कि, रेती, गिट्टी, मुरुम, मिट्टी व पत्थर आदि गौण खनिज की खुदाई और ढुलाई करने हेतु पहले संबंधित विभाग की अनुमति लेनी पडती है. विविध निर्माण कार्यों हेतु इन गौण खनिजों का प्रयोग किया जाता है. जिसमें रेती का सबसे अधिक उपयोग होता है. ऐसे में रेतीघाटों की निलामी की जाती है. साथ ही गिट्टी, मुरुम व पत्थर की खुदाई व ढुलाई के लिए राजस्व विभाग की अनुमति प्राप्त करने के साथ ही आवश्यक स्वामित्व धन यानि रॉयल्टी भी अदा करनी पडती है. अक्सर पाया जाता है कि, कई वाहन चालक उन्हें दी गई अनुमति से अधिक खुदाई करते हुए ओवर लोड ढुलाई करते है. जिससे सरकारी राजस्व का घाटा होता है. साथ ही रेती तस्करी करने वाले वाहनों के तेज रफ्तार गुजरने की वजह से सडकों का नुकसान होने के साथ ही सडक हादसे घटित होने का खतरा भी बना रहता है. ऐसे में बिना जीपीएस वाले वाहनों के साथ-साथ ओवर लोडेड वाहनों पर कार्रवाई किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
* जीपीएस रहने पर ही मिलेगी रॉयल्टी
गौण खनिज का उत्खनन बडे पैमाने पर होता है. इस बारे में प्रशासन के पास भी कई शिकायतें पहुंचती है. ऐसे में अब प्रशासन ने तय किया है कि, जिन वाहनों में जीपीएस प्रणाली उपलब्ध होगी, केवल उन्हीं वाहनों के लिए रॉयल्टी दी जाएगी. इसके अलावा अन्य किसी वाहन द्बारा गौण खनिज की ढुलाई करते पकडे जाने पर संबंधित वाहन को जब्त करने के साथ ही वाहन चालक व मालिक के खिलाफ आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
* जिलास्तर पर समिति होगी गठित
गौण खनिज की खुदाई व ढुलाई पर नियंत्रण रखने हेतु जिलाधीश की अध्यक्षता के तहत समिति का गठन किया गया है. इस समिति की नियमानुसार बैठक होगी. जिसमें आवश्यक नीतियां तय की जाएगी.
* आरटीओ व खनिकर्म विभाग से जोडा जाएंगा जीपीएस को
गौण खनिज की ढुलाई करने वाले सभी वाहनों पर जीपीएस लगाना अनिवार्य किया गया है और इस जीपीएस प्रणाली को प्रादेशिक परिवहन विभाग एवं खनिकर्म विभाग के साथ जोडा जाएगा. ताकि गौण खनिज की ढुलाई पर नजर रखी जा सके और अवैध ढुलाई को रोका जा सके.
* संबंधितों के नाम निर्देश जारी
गौण खनिज की ढुलाई करने वाले वाहनों पर जीपीएस लगाने के निर्देश इससे पहले ही दिए जा चुके है. सभी वैध खदानों व सडक निर्माण करने वाले ठेकेदारों के वाहनों में जीपीएस प्रणाली लगाए जाने की जानकारी भी प्रशासन द्बारा दी गई है. साथ ही बताया गया है कि, इन सभी वाहनों को ‘महाखनिज’ जीपीएस प्रणाली के साथ जोडा गया है.
* इन गौण खनिजों की होती है तस्करी
– रेती
कई गांवों से होकर गुजरने वाले नदी-नालों के पात्र से मशीनों का प्रयोग करते हुए रेती का अवैध उत्खनन किया जाता है. जिसकी ट्रैक्टर व टिप्पर के जरिए अवैध ढुलाई करते हुए तस्करी की जाती है.
– मुरुम
शहर तथा तहसील क्षेत्रों के पर्वतीय इलाकों में रात के समय जेसीबी मशीनों के जरिए उत्खनन करते हुए मुरुम निकाला जाता है. जिसकी बडे पैमाने पर अवैध ढुलाई होती है.
– डवर
प्रत्येक तहसील में पत्थर की खदाने है, जहां पर मशीनों के जरिए अथवा ब्लास्टिंग करते हुए डवर यानि पत्थर और गिट्टी निकाले जाते है.
– मिट्टी
ईट तैयार करने हेतु लगने वाली मिट्टी के लिए सभी तहसीलों में जितनी रॉयल्टी निकाली जाती है. उससे कहीं अधिक मिट्टी की चोरी छूपे ढुलाई व तस्करी होती है.

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