अमरावती

छत्री तालाब में दिखा ग्रेड क्रेस्टेड ग्रीब पंछी

दुर्लभ है यह पंछी

  • बलिचीस्तान व लद्दाख में पाया जाता है

अमरावती प्रतिनिधि/दि.3 – शहर के छत्री तालाब परिसर में वन्यजीव फोटोग्राफर डॉ. तुषार अंबाडकर व विनय बढे को हाल ही में मोठी टिबुकली पंछी के दर्शन देकर हैरत में डाल दिया. मोठी टिबुुकली दिखाई देना काफी दुर्लभ माना जाता है. यह जानकारी महाराष्ट्र राज्य वन्यजीव मंडल के सदस्य यादव तरटे पाटिल ने दी.
बता दे कि महाराष्ट्र राज्य में यह पंछी एक मेहमान के रूप में पहुंचा है. बत्तख के आकारवाली इस पंछी को पूंछ नहीं होती. लंबी गर्दन, तीक्ष्ण चोंच वाला यह पंछी जलचर है. इसे अंग्रेजी में ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब कहा जाता है.वही इसे पोडीकेप्स क्रिस्टासस के नाम से भी पहचाना जाता है. नागपुर छोड मध्य महाराष्ट्र के अमरावती में पहलीबार यह पंछी दिखाई दिया है. इस पंछी को डुबकी नाम से भी जाना जाता है. जून से अगस्त के दरमियान बलूचिस्तान व लद्दाक में पाया जानेवाला यह पंछी पहलीबार बतौर मेहमान के रूप में अमरावती में पहुंचा है. इस पंछी का आकार 45 से 50 से.मी. है. इस पंछी का मुख्य खाद्य मछली, मेंढक और पानी में रहनेवाले जीव जंतु है. इस प्रजाति को लेकर वर्णन पहलीबार प्राणियों का वर्गीकरण करनेवाले विशेषज्ञ लीनियस ने ई.स.1758 में किया था. मोठी टिबुकली का दर्शन होना काफी दुर्लभ समझा जाता है. उत्तर व मध्यभारत, सिंध से असम,मणिपुर और कच्छ व ओरीसा में स्थालांतर करनेवाला यह पंछी मध्य भारत में पहुंचने की जानकारी वन्यजीव अभ्यासक यादव तरटे ने दी. अब यह पंछी वापसी की राह पर है. पोहरा जंगल से सटे छत्री तालाब परिसर में इस पंछी का दुर्लभ दर्शन हुआ है.

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