अमरावती

बदरीले मौसम से चना और गेहूं की फसल को खतरा

किसानों पर संकट, उत्पादन घटने की संभावना

नांदगांव खंडेश्वर- /दि. ७ तहसील में पिछले कुछ दिनों से ठंड बढ़ गई है. घना कोहरा, तथा बदरीले मौसम के कारण तहसील के किसानों में चिंता देखी जा रही है. बदली छाने से रबी सत्र की गेहूं और चना फसल पर विविध रोग का प्रकोप बढ़ने से उत्पादन घटने की संभावना किसानों द्वारा व्यक्त की जा रही है. फसल पर कीट के बंदोबस्त के लिए किसान महंगी औषधि का छिडकाव करते दिखाई देते है. खरीफ सत्र की तुअर फसल तैयार हो गई है. तहसील के ग्रामीण इलाकों में कुछ जगहों पर तुअर की कटाई का काम चल रहा है. पिछले दो दिनों से छाए बादल के कारण किसान परेशान हैं. रबी सीजन की चना और गेहूं की फसल में फूल आ गए हैं और चना की फसल फूलने की अवस्था में है. जबकि कुछ स्थानों पर मौसम में परिवर्तन के कारण फसल पर रोग का प्रकोप बढ़ रहा है. इसलिए इस साल गेहूं और चने की फसल के उत्पादन में कमी आने की आशंका है.
* खरीफ में अतिवृष्टि की मार
खरीफ सीजन में पहले ही भारी बारिश ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया था. किसानों की आई फसल बारिश के कारण बर्बाद हो गई. इसमें सोयाबीन और कपास की फसल को तगड़ा झटका लगा है. ऐसे में किसानों की उम्मीदें इस रबी सीजन की फसल पर टिकी हैं. हालांकि, बदलते मौसम का रबी सीजन की फसलों पर भारी असर पड़ रहा है.

फसल पर फंगस का प्रकोप
इस बदलते मौसम से फसल खराब होने का डर तो है ही, साथ ही फसल पर फंगस का प्रकोप भी बढ़ रहा है और किसानों के स्वास्थ्य पर भी काफी असर देखा जा रहा है.
योगेश महल्ले, किसान, शिवनी रसुलापुर

ध्ाुंध के कारण नुकसान
मौजा गोलेगांव के किसानों के चना और गेहूं की फसल पर रोग का प्रकोप होने से नुकसान हो रहा है. चना फसल फूल आने की अवस्था में रहने पर बदरीले मौसम से फूल जल रहे है इल्ली के प्रकोप से फसल का नुकसान हो रहा है
दिनेश पांडे, किसान, गोलेगांव

हर साल प्राकृतिक आपदा
किसान सरकार की मदद पर निर्भर न रहकर खेत में जो फसल लेते है, उस पर आत्मनिर्भर है. लेकिन हर साल किसानों को प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ता है. प्रकृति जैसे किसानों को ही संकट में लाती है, ऐसा लगता है.
अनिल मारोटकर, किसान, नांदगांव खंडे.

७५ फीसदी तुअर खराब
बादल छाए रहने से ७५ फीसदी तुअर खराब हो गई है. इस साल धूल भरी आंधी के कारण फसल को काफी नुकसान हुआ है. तथा बदरीले मौसम से चना के साथ गेहूं की फसल भी खराब हो गई है.
प्रदीप बोरकर, सातरगांव

किसानों को किया जा रहा मार्गदर्शन
इस सप्ताह लगातार बादल छाए रहने से रबी की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. ऐसा ही माहौल बना रहा तो रबी की फसल को नुकसान हो सकता है. तुअर पर कीट और फल्ली खानेवाली इल्लियों के संक्रमण को रोकने के लिए इमामेकहीन, बेंजोइट एसएसजी १० लिटर पानी में ४.५ ग्राम या क्लोराट्रानिलिप्रोएल १८.५-५.० दस लीटर पानी में ३ मि.ली पानी में घोलकर छिड़काव करें. चना पुसल पर घाटे नामक इल्ली का प्रादुर्भाव रोकने १० लिटर पानी मेें २० मि.ली ऐसा छिडकाव करें. इस संदर्भ में तहसील के किसानों को मार्गदर्शन किया जा रहा है.
रोशन इंदोरे, तहसील कृषि अधिकारी, नांदगांव खंडे.

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