एमआईडीसी से सटी ग्राम पंचायतों को मिले स्वतंत्र निधि
विधायक यशोमति ठाकुर ने उठाई विधानसभा में मांग
अमरावती/दि.21 – नांदगांव पेठ में पंचतारांकित औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किया गया. जिसके चलते आसपास स्थित ग्राम पंचायतों के करो में वृद्धि हुई. परंतु इसकी तुलना में जनसंख्या के लिहाज से विकास निधि नहीं मिलती है. अत: इन क्षेत्रों में विकास काम पर विपरित परिणाम पड रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए विशेष मुद्दे के तौर पर इन ग्राम पंचायतों को विकास निधि उपलब्ध कराई जानी चाहिए. ताकि इन ग्राप क्षेत्रों का समूचित विकास हो, इस आशय की मांग तिवसा निवार्चन क्षेत्र की विधायक एड. यशोमति ठाकुर ने गत रोज बजट सत्र दौरान विधानसभा में ध्यानाकर्षन प्रस्ताव के जरिए उठाई.
इस मुद्दे की ओर सभागृह का ध्यान आकर्षित करते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, एमआईडीसी में कई उद्योग आ गए है. लेकिन इसका फायदा इस क्षेत्र की जनता को नहीं हो रहा है. साथ ही यहां पर उद्योग लगाने वाले उद्योजकों द्बारा इस क्षेत्र की ग्राम पंचायतों का विचार नहीं किया जाता, बल्कि इन उद्योगों से इन ग्राम पंचायतों के नागरिकों को तकलीफ ही होती है. इस एमआईडीसी की वजह से ग्राम पंचायत के करो में वृद्धि हुई है. परंतु इसकी एवज में ग्राम पंचायतों की समूचित विकास निधि नहीं मिलती है. नांदगांव पेठ व आसपास के गांवों की जनसंख्या 15 हजार से अधिक रहने के चलते इन ग्राम पंचायतों को विशेष दर्जा देकर स्वतंत्र विकास निधि मिलना अपेक्षित था. लेकिन सरकार इस बारे में कोई निर्णय नहीं ले रही है. ऐसे मेें ग्राम पंचायतों का कर बढ जाने के बावजूद इसकी तुलना में नागरिकों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल रही है. जिसकी वजह से स्थानीय नागरिकों में असंतोष का वातावरण है. इस बात पर विचार करते हुए नांदगांव पेठ व समीपस्थ गांवों की ग्राम पंचायतों को वृद्धिंगत जनसंख्या के अनुसार विकास निधि मिलने संदर्भ में सरकार द्बारा नितिगत निर्णय लिया जाना चाहिए.
विधायक यशोमति ठाकुर द्बारा यह मांग रखे जाने पर ग्राम विकास मंत्री गिरीष महाजन ने इसे लेकर सकारात्मक प्रतिसाद दिया. साथ ही एमआईडीसी के पास स्थित ग्राम पंचायतों द्बारा खुद को नगर पंचायत का दर्जा मिलने को लेकर प्रस्ताव पेश किए जाने को लेकर सरकार द्बारा इस पर निश्चित ही सकारात्मक प्रतिसाद दिए जाने की बात कही. साथ ही ग्राम पंचायतों की विकास निधि व अन्य दिक्कतों को पहली प्राथमिकता के साथ हल करने का आश्वासन भी दिया.