अमरावतीमहाराष्ट्र

दर्यापुर में ऑल इंडिया मुशायरे का भव्य आयोजन

देशभर से आए शायरों ने दी शानदार प्रस्तुति

अमरावती/दि.31-दर्यापुर द्वारा अखिल भारतीय मुशायरे का भव्य आयोजन किया गया. शायरी के कद्रदानों के लिए 28 जनवरी की रात एक यादगार बन गई, जब बज्म-ए-जिन्नतपुरा द्वारा मुशायरे का आयोजन किया गया. प्रसाद लॉन, दर्यापुर के विशाल सभागार में हुए इस मुशायरे का उद्घाटन सांसद बलवंत वानखडे के करकमलों से हुआ. सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नासिरोदीन अंसार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. मुशायरे में देशभर से आए नामचीन शायरों ने अपने कलाम पेश कर श्रोताओं का दिल जीत लिया.
मुशायरे की शुरुआत मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शायर विजय तिवारी द्वारा पेश की गई नात-ए-पाक से हुई, जिसने माहौल को रूहानी बना दिया. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्तशायर नईम फराज ने अपनी गजलों से समां बांधा. खूब वाही वाही लूटी. नौजवान शायर एजाज बिस्मिल और इस्माईल राज मालेगांव की ने अपनी ताजगी भरी शायरी से श्रोताओं को रोमांचित किया. वहीं, हास्य-व्यंग्य के लिए मशहूर सुंदर मालेगांवी और कपिल जैन अपनी चुटीली रचनाओं से ऐसा माहौल बनाया कि, पूरा सभागार ठहाकों से गूंज उठा.
* रातभर गूंजती रही वाही-वाही
मुशायरे के खास आकर्षण रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के शायर हामिद भुसावली, विजय तिवारी, नईम अख्तर बुरहानपुरी, तनवीर गाज अबरार काशिफ और अकील आजमी ने अपनी गजलों और रचनाओं से श्रोताओं पर ऐसी छाप छोड़ी कि रात दो बजे तक तालियों की गूंज थमने का नाम का नहीं ले रही थी. डॉ. नासिरोद्दीन अंसार ने अपने अध्यक्षीय भाषण में मुशायरों की समृद्ध परंपरा पर प्रकाश डालते हुए आयोजन समिति को इस सफल मुशायरे के लिए बधाई दी और कहा कि, उर्दू मोहब्बत की जुबान है और समाज की वास्तविकता को दर्शाने का एक प्रभावी माध्यम है. इसमें प्रेम, इश्क, इंसानियत, न्याय, संघर्ष और सामाजिक मुद्दों पर गहरी बातें जाती हैं, शायरी दिल कही के की गहराइयों को छूती है और इंसान के भावनात्मक तनाव को कम करने में मदद करती है. इस भव्य मुशायरे में न केवल दर्यापुर, बल्कि अमरावती, अकोला, बडनेरा, कारंजा, यवतमाल, बालापुर, माना, अकोट, वाशिम, मुर्तिजापुर, हिरपुर, अचलपुर जैसे कई शहरों से बड़ी संख्या में शायरी प्रेमी शामिल हुए. कार्यक्रम का संचालन अबरार काशिफ ने अपने खास अंदाज में किया, जबकि अंत में शादाब सूफी ने आभार प्रदर्शन किया. इस यादगार मुशायरे का समापन देर रात दो बजे हुआ, लेकिन इसकी गूंज लंबे समय तक शायरी प्रेमियों के दिलों में बनी रहेगी.

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