बुद्ध पूर्णिमा पर शहर में निकली भव्य रैली
बुद्धम् शरणम् गच्छामि’ की धून पर सैकडों अनुयायी प्रमुख मार्ग से निकले
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* सीपी नवीनचंद्र रेड्डी, कुलगुरु डॉ. मिलिंद बारहाते ने पंचशील ध्वज के साथ किया शुभारंभ
* बुद्ध जयंती उत्सव समिति का आयोजन
अमरावती/दि. 24– तथागत भगवान गौतम बुद्ध की 2568 वीं जयंती निमित्त बुद्ध जयंती उत्सव समिति की ओर से गुरुवार 23 मई को भव्य रैली निकाली गई. ‘बुद्धम शरणम् गच्छामि, धम्मम शरणम् गच्छामि…’ की धून पर यह रैली इर्विन चौक से मार्गक्रमण करते हुए भीम टेकडी परिसर में समाप्त हुई. पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी, संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ. मिलिंद बारहाते के हाथों पंचशील ध्वज फहराकर रैली का शुभारंभ किया गया. इस रैली में बडी संख्या में समाजबंधू शामिल हुए.
बुद्ध जयंती के अवसर पर शहर में बुद्ध जयंती उत्सव समिति की ओर से 19 से 23 मई तक विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसके तहत गुरुवार को शाम के समय भव्य रैली निकाली गई. कार्यक्रम में गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. मिलिंद बारहाते, डॉ. नितिन कोली, लेखा एवं वित्त अधिकारी तथा अध्यक्ष संगाबा विवी पिछडा वर्ग कर्मचारी संघ, लेखा अधिकारी रविंद्र वानखडे, जनसंपर्क अधिकारी महेंद्र गायकवाड, श्रीकातन थायडे, कोषाध्यक्ष प्रवीण मंडपे, सचिव रजिस्ट्रार राजू सावंत, एलआईसी प्रशासनिक अधिकारी गजानन गवई उपस्थित थे. इर्विन चौक पर सर्वप्रथम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा को अभिवादन किया गया. आयोजकों और उपस्थित मान्यवरों के हाथों उनकी प्रतिमा को फुलमाला अर्पण की गई. पश्चात महिला मंडल की ओर से नृत्य प्रस्तुत किया गया. यहां उपस्थित मान्यवरों ने पंचशील ध्वज फहराकर रैली की शुरुआत की. इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता व उद्योजक गुणवंत देवपारे, विधायक बलवंत वानखडे, महाथेरो बुद्ध घोष, भदंत आनंद समेत अन्य प्रमुखता से उपस्थित थे.
‘बुद्धम शरणम् गच्छामि, धम्मम शरणम् गच्छामि…’ की धुन के साथ यह रैली इर्विन चौक से रेलवे स्टेशन मार्ग, हमालपुरा, रुक्मिणी नगर, कल्याण नगर, मोतीनगर, यशोदानगर चौक से होते हुए देर रात भीम टेकडी परिसर में समाप्त हुई. सामाजिक प्रतिबद्धता विकसित करनेवाले गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान किया गया. इस रैली में लेझिम पथक, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भूमिका में सत्यराव गलफट, अभिज्ञा रामटेके, गार्गी बंकाले रमाई व जिजाऊ की भूमिका में उपस्थित रही. इसके अलावा रथ पर सावित्रीबाई फुले, महात्मा फुले, छत्रपति शिवाजी महाराज, संत गाडगे बाबा की वेशभूषा वाली जीवंत झांकी के साथ दो बालक अपने हाथों में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर व तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमाएं हाथों में लेकर सवार थे. उनके पीछे श्रामनेर, हाथों में मोमबत्ती लेकर चलती महिलाएं शामिल थी. साथ ही सभी धर्म के धर्मगुरु इस रैली में शामिल हुए. पाठक मदन गायकवाड और मित्र परिवार द्वारा बुद्ध भीम गीत पर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया. समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता भदंत बुद्धघोष महाथेरो ने की. प्रमुख अतिथि के रुप में विधायक बलवंत वानखडे, नरहर वालोंद्रे, सुखदेव इंगोले, संदीप राऊत, गोपाल इंगले, उत्तमराव गवई, प्राचार्य डॉ. गोपीचंद मेश्राम, किशोर बोरकर, धनंजय गुड्डेकर, धम्मचारी अमित आयुष, ललित मेश्राम, आरत शहारे, सुदाम सोनुले, रामेश्वर अभ्यंकर, एड. महेंद्र तायडे, प्रा. प्रदीप दंदे, प्रकाश बनसोड, अविनाश मार्डीकर, सुदाम बोरकर, रविकांत गवई, पंकज मेश्राम, साधन वानखडे, राजेश वानखडे, एड. सुनील गजभिये, सिद्धार्थ देवरे, रितेश तेलमोरे, कैलाश मोरे, सिद्धार्थ गेडाम, हिरामण गावंडे, राजू धावने, प्रा. शैलेश गवई, महिंद्र भालेकर, अजय गोंडाणे, ओमप्रकाश बनसोड, बंटी रामटेके, किशोर सरदार, किरण गुडधे, मदन गायकवाड, प्रवीण मेश्राम, अनिल वानखडे, रविंद्र शिंदे, ज्ञानेश्वर नागदिवे आदि प्रमुखता से उपस्थित थे. कार्यक्रम सफल बनाने में रत्नाकर शिरसाठ, अशोक मेश्राम, प्रा. डॉ. प्रफुल्ल गवई, जगदीश गोवर्धन, सुभाष महाजन, मनोज शेगोकार, मनीष तेलमोरे, विजय तेलमोरे, बबलू जेके, मदन गायकवाड, विनोद कुंभलवार, विजू गणवीर, रोशन शेंडे, सुनील मेश्राम, आतिष गोसावी, भीम मेश्राम, जगदीश गोवर्धन, मनीष भंकाले, भारत पाटिल आदि ने अथक परिश्रम किया.