पोता पोती के साथ दादा-दादा भी जायेंगे स्कूल
10 सितंबर को दादा-दादी दिन उत्साह से मनाया जायेगा
दादा-दादी का रिश्ता पाल्यो के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक
परतवाडा/ दि. 24 – दादा-दादी यह बच्चों के पहले मित्र है. उनका रिश्ता दोस्ती का बहुत गहरा होता है. दादा दादी से बच्चे अनेक बाते सीखते है. दादा-दादी से ही संस्कार मिलते है. दादा-दादी का अनुभव, उनके हित की जानकारी यह सभी बाते बच्चों को लेन-देन के लिए पोषक रहती है. दादा-दादी का रिश्ता पाल्यो के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक व प्रेरणादायी है. ‘’
दादा-दादी के महत्वपूर्ण रिश्ते की पहचान होने के लिए विविध उपक्रम से दादा-दादी को शाला में आमंत्रित करने का निर्णय शासन ने लिया है. इसमें बच्चों को शाला के साथ ही दादा-दादी के महत्वपूर्ण रिश्ते की पहचान होगी. इस दौरान दादा-दादी को बच्चों से संवाद, खेल व बाते की जायेगी. शाला में 10 सितंबर को दादा-दादी दिन उत्साह से मनाया जायेगा.
बच्चों को शाला के साथ ही दादा-दादी के महत्वपूर्ण रिश्ते की नये से पहचान होकर उनकी दृढता होने के लिए दादा-दादी दिन है. जिले की प्रत्येक शाला में उत्साह से मनाया जायेगा.
शाला में होनेवाले दादा-दादी दिन को रिश्तेदार के साथ दादा-दादी और शिक्षको को भी उपस्थित रहना पडेगा. शाला में होनेवाले कार्यक्रम में उन्हें शामिल होना पडेगा. इसके लिए शाला व्यवस्थापन को स्थानीय शाला के पाल्यों के दादा-दादी को निमंत्रित करना पडेगा.
इसके लिए विभिन्न उपक्रम चलाए जायेंगे. विद्यार्थियों की ओर से दादा-दादी का परिचय दादा-दादी के मनोरंजन के लिए संगीत, गायन, वादन, चित्रकला, नृत्य ऐसा उपक्रम चलाए.
शाला में दादा-दादी दिन उत्साह से मनाने के संबंध में राज्य शासन की शालेय शिक्षा व क्रीडा विभाग द्बारा शासन निर्णय जारी हुआ है. यह निर्णय स्तुत्य है. जिससे विद्यार्थियों के गुणों का विकास होगा और बच्चों में किसी भी प्रकार का संकोच और भय नहीं रहेगा.
राजीव खोजरे, विस्तार अधिकारी