अमरावती/दि.8- जिले की लगभग 1600 शालाओं में 10 सितंबर रविवार को दादा-दादी दिन मनाने के निर्देश शालेय शिक्षा विभाग व्दारा दिए गए हैं. भेजे गए पत्र में यह दिवस मनाते समय किए जाते उपक्रम और कार्यक्रम की भी जानकारी दी गई है. विद्यार्थियों में इस दिन को लेकर उत्साह का वातवरण है. प्रत्येक वर्ष सितंबर के पहले सोमवार पश्चात आनेवाले रविवार को ग्रेंड पेरेंट डे मनाने की प्रथा है.
* ताजा दौर में महत्वपूर्ण
आपाधापी भरे इस युग में पारिवारिक स्थिति बदल गई है. माता-पिता जॉब या व्यवसाय उपलक्ष्य अधिक समय घर से बाहर रहते हैं. जिससे बच्चों की जिम्मेदारी दादा-दादी पर अधिक होती है. वे शाला के बाद सबसे ज्यादा समय दादा-दादी के साथ व्यतीत करते हैं. दादा-पोते का रिश्ता भी विलक्ष्ण होता है. देखा जाए तो रिश्ते नाते की सही शुरुआत यहीं से होती है. दादा-दादी से घनिष्ठता आज के दौर में अनेक जानकार महत्वपूर्ण मानते हैं. उनका शोध के आधार पर यह भी कहना है कि बच्चों के सर्वांगिण विकास हेतु यह आवश्यक और प्रेरणास्पद है. शाला के अनुभव और दादा-दादी के अनुभव से उनका पालन-पोषण बेहतर हो सकता है. उनके जीवन के लक्ष्य अच्छे ढंग से तय हो जाते है.
* यह उपक्रम होंगे शालाओं में
शिक्षा विभाग ने रविवार को दादा-दादी दिन मनाने के साथ रखे गए कार्यक्रम में कुछ उपक्रम अवश्य जोडने कहा है. जिसके अनुसार छात्र-छात्राओं को अपने दादा-दादी का परिचय देना होगा. उनके मनोरंजन हेतु संगीत, गायन-वादन, नृत्य, ड्राइंग आदि की प्रस्तुति देनी होगी. इसके अलावा संगीत कुर्सी और गिल्ली डंडा के खेल संभव हो तो आयोजित करने कहा गया है. पारंपरिक वेशभूषा स्पर्धा भी रखी जा सकती है. दादी की पोटली के बारे में विद्यार्थी बता सकते हैं.