अमरावती/ दि. 8– अंतरजातीय विवाह करनेवाले 9 दंपत्ति को शासन की तरफ से 50 हजार रूपए अनुदान दिया जाता है. लेकिन जिले के सैकडों दंपत्ति को पंजीयन करने के बाद भी दो साल से अनुदान नहीं मिला है. जिले में वर्ष 2022-23 तक आवेदन किए लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिला है. लेकिन बाद में आवेदन करनेवाले लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल पाया है. वे बार- बार जिला परिषद के समाज कल्याण विभाग में चक्कर काटते दिखाई दे रहे है. करीबन 500 दंपत्ति को अनुदान अब तक नहीं मिला है.
राज्य के सामाजिक न्याय विभाग के जरिए 1958 से अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए आर्थिक सहायता की जाती है. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति व भटक्या जनजाति, बौध्द विशेष पिछडा प्रवर्ग में से एक व्यक्ति द्बारा स्वर्ण हिन्दू, लिंगायत, जैन और सिख से विवाह किया अथवा दो अलग- अलग प्रवर्ग के दंपत्तियाेंं को 50 हजार रूपए प्रोत्साहन अनुदान दिया जाता है. योजना के लाभ के लिए आवेदन किए 511 दंपत्तियों को इस योजना का अनुदान नहीं मिला है. अनुदान के लिए संबंधित दंपत्ति हर दिन कार्यालय के चक्कर काट रहे है. लेकिन हर दफा उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड रहा है. समाज कल्याण विभाग की तरफ से अनुदान के लिए लगातार शासन की तरफ प्रयास किए जा रहे हैं.
9 माह में 150 नये आवेदन
1 अप्रैल से 21 दिसंबर की कालावधि में जिले में आंतरजातीय विवाह किए कुल 150 नवदंपत्ति ने अनुदान के लिए आवेदन किया है. लेकिन उन्हें अनुदान की रकम अभी भी नहीं मिली है. साथ ही 2023-24 वर्ष के 278 तथा 2022-23 वर्ष के 83 ऐसे कुल 511 दंपत्ति अंतरजातीय विवाह के अनुदान से वंचित है.
* इन्हेंं मिलता है लाभ
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति व भटक्या जनजाति, बौध्द विशेष पिछडा प्रवर्ग के नागरिकों के लिए हैं. इस प्रवर्ग के एक व्यक्ति द्बारा विवाह स्वर्ण हिंदू, लिंगायत, जैन व सिख व्यक्ति से किया तो उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाता है.