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रात्रि में भरनेवाले राजुरा बाजार का केवल एक मार्केट
राजुरा बाजार/दि.९ – एरवी २२०० से २५०० रूपये प्रति क्विंटल भाव में मिली हरी मिर्ची को इस बार अच्छा भाव मिला है. इस बार इस सप्ताह में मिर्ची को रेकार्डब्रेक भाव मिला है. जबलपुर,रायपुर,वाशी व दिल्ली मार्केट में मांग बढ़ जाने से इसके भाव भी बढ़ गया हैे. राजुरा के हरी मिर्ची का मार्केट शुरू होने के बाद पहले ही सप्ताह में मिर्ची को अधिक भाव मिलने से किसान को संतुष्टि मिली है. हरी मिर्ची तहसील में ‘कॅश क्रॉप‘ के रूप में पहचानी जाती है. मिर्ची मार्केट खुलते ही भाव मिलना यह प्रथम मुद्दा रहता है. डेढ़ दशक में किसान हरी मिर्ची की फसल उंगाने के लिए उत्साहित हैे. कोरोना की पार्श्वभूमि पर एरवी रात देर तक चलनेवाली बाजारपेठ की आवक अधिक न होने से रात ९ बजे तक खुली रहती है.
प्रति क्विंटल के अनुसार
- ४५०० से ५०००
इस बार की दर
- १५ से २०
एकड उत्पादन
- ५ से ६ हजार हेक्टर
क्षेत्र पर मिर्ची उत्पादन
- अचलपुर, मोर्शी, नरखेड, काटोल, पांढुर्णा के किसान भी राजुरा में
- रोज सैकडों मजदूरों को काम देनेवाले रात्री के मार्केट
भारत के बडे शहरों से हरी मिर्ची की मांग अचानक बढ़ जाने से यह भाव मिला है. किसानों की आवक भी उस अनुसार कम है.
– दिलीप भोंडे, व्यापारी, राजुरा बाजार
- रेल्वे का माल यातायात बंद होने से मिर्ची का माल रास्ते से भेजना पडता है. उसमें खर्च अधिक है फिर भी भाव दिसंबर तक बढ़ा ही रहेगा.
– विजय बहुरूपी,दलाल व्यापारी, मिर्ची मार्केट,राजुरा बाजार
- मिर्ची फसल में खर्च अधिक है. यही भाव कायम रहेगा, ऐसी अपेक्षा है. शीतगृह के अभाव में उसका संग्रह नहीं किया जा सकता. शीतगृह की निर्मिति शासन करे.
– बालकृष्ण गेडाम, मिर्ची उत्पादक पवनी (संक्रांजी)