अमरावती

एचएमटी चावल के जनक दादाजी खोब्रागडे को अभिवादन

कृषि महाविद्यालय व प्रहार छात्र संगठन का आयोजन

अमरावती/दि.4– श्री शिवाजी कृषि महाविद्यालय व प्रहार छात्र संगठन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अभिवादन कार्यक्रम में एचएमटी चावल के जनक दादाजी खोब्रागडे को याद कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये. दादाजी खोब्रागडे के 3 जून चतुर्थ पुण्यस्मरण पर्व पर इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
दादाजी खोब्रागडे का जन्म चंद्रपुर के नागभिड में हुआ. 3 जून 2018 में उनका निधन हो गया. उन्होंने भारत में सर्वाधिक उत्पादन रहने वाले चावल की प्रजाति पर संशोधन किया. कक्षा तीसरी तक की पढाई पूर्ण करने वाले खोब्रागडे अल्पभूधारक किसान थे. उन्होंने वर्ष 1983 से चावल के नये वान विकसित करने के प्रयोग शुरु किये. 6 वर्ष के प्रयोग के बाद एक नया वान विकसित करने में वे विकसित हुए. इस वान को उन्होंने एचएमटी कंपनी के नाम पर एचएमटी सोना यह नाम अपने विकसित वान को दिया. उन्होंने एचएमटी सोना समेत विजय नांदेड, नांदेड दिपक, नांदेड हिरा, नांदेड 92, काटे एचएमटी, नांदेड चेन्नुर, डीआरके, डीआरके-2 आदि 9 वान की खोज की. जिसके लिए उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया. चावल के संशोधन के लिए दिया जाने वाला प्रथम रिचारिया पुरस्कार समेत वसंतराव नाईक कृषि भूषण पुरस्कार, ग्रॅस रुट इनोवेशन पुरस्कार, पंजाबराव देशमुख कृषि रत्न पुरस्कार आदि पुरस्कार प्रदान किये गये है.
कृषि रत्न दादाजी खोब्रागडे के पुण्यतिथि पर्व पर आयोजित कार्यक्र में विभिन्न मान्यवरों ने दादाजी खोब्रागडे के संशोधनों पर विस्तार से प्रकाश डाला. कार्यक्रम में प्राध्यापक आर.के. पाटील, प्राचार्य डॉ. एन. चिखले, गोलू पाटील, बंटी रामटेके, पंकज सुरडकर, ्ऋषभ मोहोड, प्रा. वसंत गेडाम, डॉ. चौरे, सुलभा सरप व महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी तथा छात्र बडी संख्या में उपस्थित थे.

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