किराणा दुकानदार पहुंचे सीसीआई के पास
जेप्टो, ब्लिंकिट और स्वीगी की लूट खसोट वाली कीमतें

* खुदरा विक्रेताओं और वितरकों को कर रही प्रभावित
* जान बूझकर नुकसान पहुंचाने का आरोप अमरावती/ दि. 7- किराणा स्टोर और एफएमसीजी वितरकों नेे स्वीगी, इस्टामार्ट, जेप्टो और ब्लिंकिट जैसे त्वरित वाणिज्य प्लेटफार्म की प्रतिस्पर्धी विरोधी प्रथा की जांच की मांग करते हुए निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई से संपर्क किया है. गत 28 फरवरी को सीसीआई को सौंपी गई याचिका में उद्योग निकाय अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक संघ एआईसीपीडीएफ, जो छोटे खुदरा व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करता है, ने आरोप लगाया कि यह प्लेटफार्म भारी छूट और शिकारी मूल्य निर्धारण का सहारा ले रहे है. इससे छोटे और खुदरा विक्रेताओं को व्यवसाय से बाहर कर रहे हैं.
उद्योग निकाय ने कहा कि जेप्टो, ब्लिंकिट, स्वीगी जैसे प्लेटफार्म का आचरण बाजार में प्रतिस्पर्धीयों को खत्म करने जैसा प्रतीत हो रहा है. एक अग्रणी समाचार पत्र ने इस याचिका के कुछ हिस्सों की समीक्षा की है. प्लेटफार्म से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया. जोमैटो ने कोई जवाब नहीं दिया. जबकि स्वीगी और जेप्टो ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
उद्योग निकाय ने आरोप लगाया कि इन प्लेटफार्म के पास बहुत ज्यादा पैसा है और वे बाजार में अपना विस्तार करने के लिए जानबूझकर कम कीमत पर सामान बेचकर नुकसान उठा रहे हैं. छोटे, खुदरा विक्रेता और पारंपरिक वितरक इन प्लेटफार्म द्बारा दी जा रही छूट का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं. जिससे उन्हें कारोबार में नुकसान हो रहा है. वें घाटे में जा रहे हैं.
क्वीक कॉमर्स या 10 मिनट में डिलेवरी करनेवाले प्लेटफार्म जो केवल किराणा का सामान बेचने के लिए शुरू हुए थे, अब तेजी से फैल रहे हैं. शहरों में रसोई के सामान से आगे बढकर छोटे उपकरण, मोबाइल हेंडसेट, इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, आभूषण और गैर किराना सामान की बडी श्रृंखला बेचने लगे हैं. ब्रांड ने क्वीक कॉमर्स के साथ वितरण का नया मार्ग खोज लिया है. वे तेजी से डिलेवरी मॉडल का परीक्षण करने और इन प्लेटफार्म के साथ साझेदारी जारी रखने के लिए तैयार हैं. क्योेंकि वे अधिक ग्राहकाेंं तक पहुंचने में सक्षम हो रहे हैं.
पिछले वर्ष के अंत तक मार्केट रिसर्च फर्म ने 10 शहरों में 3 हजार उप भोक्ताओं का सर्वे किया तो खुलासा हुआ कि 82 प्रतिशत खरीददारों ने कम से कम 25 प्रतिशत किराणा खरीदारी को क्वीक कॉमर्स में बदल दिया है. क्वीक कॉमर्स के लिए निदेशकों की रूचि व्यापक उपभोक्ता स्वीकृति के बीच बढी है. पिछले साल जेप्टों ने 1.2 बिलियन डॉलर का काम किया था. याचिका में आरोप लगाया गया कि जान बूझकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है. ताकि छोटे और खुदरा कारोबारी खत्म कर दिए जाए.