पालतू पशुओं के लिए भी शहर में खुले ‘गू्मिंग सेंटर’
श्वान की कटिंग और वॉशिंग पर खर्च होते है 1500 रुपए
अमरावती/दि.21-विदेशी प्रजाति के पालतू पशुओं का पालना एक स्टेट्स सिम्बॉल बना है. कई लोगों के घरों में विदेशी प्रजाति के कुत्ते, बिल्लियां
दिखाई देते है. इस पालतू पशुओं की देखभाल पर बडे पैमाने पर रकम खर्च की जाती है. एक परिवार की सदस्य की तरह इन पालतू पशुओं का ख्याल रखा जाता है. जिस प्रकार पुरूषों के लिए सलून, महिलाओं के लिए पार्लर होता है, उसी प्रकार पालतू पशुओं के लिए भी गू्रमिंग सेंटर शहर में चलाये जा रहे है.
* इस पर किया जाता है खर्च
-हेयर कट, बाथ : 1100 रुपए
-कान साफ करना : 200 रुपए
-निर्जंतुकीकरण : 250 से 500 रुपए
-दातों की सफाई : 200 से 250 रुपए
* महीने का खर्च
बिल्ली :
प्रजाति और वजन के अनुसार खाने का खर्च महीने में 1500 से 3000 रुपए, तथा दवा का खर्च 3500 से 5000 रुपए साल में.
* श्वान
प्रजाति और वजन के अनुसार खाने का खर्च प्रति माह 2 से 10 हजार रुपए और औषधि का खर्च 4 से 8 हजार रुपए साल में लगता है.कुत्ते की हेयर कटिंग डेढ महीने में एकबार तथा बिल्ली की पांच महिने में एकबार की जाती है. श्वानों का हर सप्ताह में एकबार वॉशिंग व बिल्ली की 14 दिनों में एकबार वॉशिंग करना चाहिए. पशुओं की हेयर कट करने से हेयर फॉल कम होता है. और वॉशिंग करने से स्किन इन्फेक्शन को टाला जा सकता है.
-अर्णव कोल्हे, पेट हेयर स्टाईलिस्ट
जिले में पशुचिकित्सा अस्पताल रहने से यहां पर उपचार कराने के लिए बडी संख्या में पशुओं को लाया जाता है. हमने रैबीज का टीका नि:शुल्क दिया है. श्वानों को और बिल्लियों को अलग-अलग टीके हमारे डॉक्टर लिखकर देते है. यह टीका पशुपालकों का द्वारा लाकर दिया जाता है.
-डॉ.राजेंद्र पेठे, पशुचिकित्सा अधिकारी.