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पांच तहसीलों में हुई अंशत: कमी
अमरावती/दि.9 – जिले में विगत वर्ष अक्तूबर माह के अंत तक हुई औसत से अधिक वर्षा के अब सुखद परिणाम दिखाई देने लगे है, क्योेंकि आठ तहसीलों में करीब 1 मीटर तक भूगर्भिय जलस्तर बढा है. वहीं पांच तहसीलों में भूगर्भ जलस्तर में अंशत: कमी भी आयी है. किंतु कुल मिलाकर जिले में भूगर्भ जलस्तर को लेकर स्थिति समाधानकारक है. भूजल सर्वेक्षण विभाग द्वारा जनवरी माह के अंत में किये गये 150 निरीक्षण कुओं की स्थिति को देखकर यह जानकारी दी गई है.
बता दें कि, विगत वर्ष बारिश के मौसम के प्रारंभ में दो माह तक वर्षा का प्रमाण काफी हद तक कम था. किंतु अगस्त माह से बारिश का दौर शुरू हुआ, जो अक्तूबर माह तक चला. इसके अलावा वापसी की बारिश ने भी जिले में जबर्दस्त हाजरी दर्शायी. जिसके चलते भूजल का पुनर्भरण हुआ. इस वजह से अमरावती, अचलपुर, अंजनगांव सुर्जी, भातकुली, चांदूर रेल्वे, चांदूर बाजार, दर्यापुर व धामणगांव रेल्वे तहसीलों में भूगर्भिय जलस्तर एक मीटर तक बढा है. वहीं चिखलदरा, धारणी, मोर्शी व नांदगांव खंडेश्वर इन तहसीलों में एक मीटर तक भूगर्भिय जलस्तर घटा है. यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि, मेलघाट की दोनों तहसीलों में इस बार औसत से कम बारिश हुई है.
जिले में संतरा बागानों सहित सिंचित खेती व अन्य फलों की खेती के लिए कई तहसीलों में भूगर्भिय जल का असीमित व बेतहाशा दोहण होता है. जिसके चलते भूगर्भिय जलस्तर तेजी से घट रहा है. लेकिन विगत दो वर्षों से कई तहसीलों में संतोषजनक बारिश का होना भूगर्भिय जलस्तर को बढाने में सहायक साबित हो रहा है.
150 निरीक्षण कुओें से जांचा स्तर
बारिश खत्म होने के बाद भूजल सर्वेक्षण विभाग द्वारा प्रत्येक तीन माह में सभी तहसीलों के 150 निरीक्षण कुओं के स्थिर जलस्तर की जानकारी दर्ज की जाती है. इसके तहत इस बार हुई बारिश और विगत पांच वर्षों के जलस्तर का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए भूजल स्तर के आंकडे दर्ज किये जाते है.
अचलपुर में हुई सर्वाधिक वृध्दि
दो वर्ष पूर्व अल्प वर्षा की वजह से अमरावती विभाग में सबसे कम भूजल स्तर रहनेवाले अचलपुर तहसील में इस बार सर्वाधिक 1.23 मीटर की वृध्दि दर्ज की गई. भूजल पुनर्भरण हो जाने के चलते अचलपुर तहसील में इस बार भूगर्भिय जल को लेकर सुखद स्थिति है.
मोर्शी तहसील में स्थिति चिंताजनक
इस बार मोर्शी तहसील में जनवरी माह के अंत तक भूगर्भ जलस्तर में 0.95 मीटर की कमी देखी गई. यद्यपि मोर्शी तहसील में अप्पर वर्धा बांध भी है. किंतु भूगर्भिय जल का बेतहाशा दोहन किये जाने और भुजल का पुनर्भरण नहीं होने की वजह से तहसील में भूगर्भ जलस्तर तेजी से घटा है.
सिंचाई में पानी के अतिरिक्त प्रयोग पर लगे पाबंदी
इस बार अधिकांश तहसीलों में औसत से अधिक बारिश होने के चलते भूजल पुनर्भरण की स्थिति अच्छी रही. वहीं इससे पहले हुए जलयुक्त शिवार के कामों की वजह से भी भूजल स्तर में वृध्दि होती दिखाई दी. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पानी का बेहद संभालकर उपयोग किया जाये और सिंचाई के नाम पर भूगर्भिय जल का बेतहाशा दोहन न किया जाये.
– संजय कराड,
वरिष्ठ भूवैज्ञानिक, जीएसडीए
- शहरों के साथ ही खेतों में भी इन दिनों बोअर के जरिये बडे पैमाने पर भूगर्भिय जल का बडे पैमाने पर दोहन किया जा रहा है. इस पर कहीं ना कहीं रोक लगाये जाना बेहद जरूरी है. साथ ही वॉटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया जाना चाहिए, ताकि भूजल का पुनर्भरण हो सके.
– प्रवीण राउत,
पर्यावरण प्रेमी
जनवरी माह के अंत में वर्षनिहाय व तहसीलनिहाय भूजल स्तर (मीटर)
तहसील – 2018 -2019 – 2020 -2021 -2022
अचलपुर 22.20 22.10 23.20 23.50 23.40
अमरावती 5.94 6.24 4.54 5.16 5.10
अंजनगांव 16.50 16.00 15.10 14.08 14.20
भातकुली 7.91 7.65 6.73 6.80 6.64
चांदूर रेल्वे 6.78 6.72 4.30 4.25 3.58
चांदूर बाजार 14.57 14.67 11.82 11.50 11.64
चिखलदरा 1.28 1.04 1.22 1.25 1.61
दर्यापुर 9.79 10.00 9.27 9.83 14.22
धामणगांव 3.44 2.06 2.53 2.23 2.91
धारणी 2.48 1.86 2.53 2.23 2.91
मोर्शी 6.75 4.13 4.95 4.70 6.21
नांदगांव खंडेश्वर 2.96 2.09 3.02 2.79 3.53
तिवसा 4.06 2.31 3.72 3.80 3.66
वरूड 8.12 4.42 5.69 5.51 6.19