अमरावती

ग्रुप एडमिन ने सदस्यों को ठोका जुर्माना

10 हजार की रकम जमा

  • शुभेच्छा संदेश महंगे साबित हुए

अमरावती/दि.29 – हर एक वॉट्सएप ग्रुप के कुछ नियम रहते है… कुछ शर्ते रहती है… लेकिन क्या सभी उसका पालन करते? राजनीति पोस्ट न करे, केवल गुडमार्निंग, गुडनाईट न करे, कट-पेस्ट न करे, ऐसा कई बार एडमिन कहते है, लेकिन कुछ लोग जानबुझकर वहीं करते है, ऐसे लोगों बाबत क्या करना, यह प्रश्न एडमिन के सामने लगातार रहता है. किंतु अमरावती के एक एडमिन ने ऐसे सदस्यों को सीधे जुर्माना ठोका है. इतना ही नहीं तो जुर्माना वसूल कर वह कोविड सेंटर को देनगी स्वरुप दिया है.
हमारी जिला परिषद, ऐसा इस वॉट्सएप ग्रुप का नाम है. मोर्शी पंचायत समिति में शिक्षक रहने वाले मनीष काले इस ग्रुप के एडमिन है. इस ग्रुप पर भी विविध प्रकार के ज्ञान, सामाजिक, शुभेच्छा संदेश, राजनीतिक पोस्ट की शुरुआत में बडी मात्रा में आती थी. आखिर यह पोस्ट रोखने के लिए काले ने एक नियमावली की. जुर्माना अथवा सहयोग इस तरह का सीधा नियम बनाया. नियमावली का पालन करो, अन्यथा जुर्माना ठोकने की चेतावनी 24 मई से दी गई थी. फिर भी कुछ लोगों ने नियम तोडे. आखिर काले ने जुर्माना ठोका. विशेष यह कि जुर्माना ठोके गए सभी ने जुर्माना भरना मान्य भी किया.
जुर्माना सीधे बैंक में भरना है, जुर्माने के बदले फिलहाल लगभग 10 हजार की रकम जमा हुई, वह रकम जिला परिषद के कोविड सेंटर को देनगी स्वरुप दी गई, सदस्यों ने नियम मोडा इस कारण उनके पास से जुर्माना वसूल करने वाला ‘आपली जिला परिषद’ यह राज्य का एकमात्र गु्रप माना जाएगा.

कोेविड सेंटर की संकल्पना

जिला परिषद कोविड सेंटर, जिला परिषद प्रशासन, कर्मचारी व अधिकारी आदि के सहयोग से पिछले महिने में शुरु हुआ है, लेकिन विशेष यह कि इस कोविड सेंटर का निर्माण ही मुलत: इस ग्रुप से हुआ है.

‘आमची जिला परिषद’

– ग्रुप सदस्य : जिप के शिक्षक, विविध विभागों के कर्मचारी, पदाधिकारी
– ग्रुप का उद्देश्य : जिप विभाग के घटनाक्रम, शासकीय निर्णय की जानकारी देना
– सदस्य संख्या : 257
– जुर्माने की रकम : प्रति व्यक्ति 500 रुपए
– नियम मोडने वाले : 32 सदस्य
– जुर्माना भरा : 20 सदस्यों ने

  • यह सभी करते समय अनेकों नाराज हुए किंतु उसे इलाज नहीं था. किसी सदस्य के परिवार के व्यक्ति का निधन हुआ तो उसपर आघात होगा, ऐसे समय अन्य कारणों के लिए शुभेच्छाओं का वर्षाव होता है तो उस सदस्य का मन दुखी होता है. कुछ तो भी सकारात्मक करने के लिए कडे निर्णय लेेने ही पडते है.
    – मनीष काले, ग्रुप एडमीन, अमरावती

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