अमरावती

संभागीय आयुक्त कार्यालय की घोर उदासीनता

मान्यता के बावजूद संभाग में नायब तहसीलदार के 160 पद रिक्त

परतवाड़ा/अचलपुर/ दी ११-गोर-गरीब और सामान्य व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण समझे जाते तहसील कचहरी में योग्य संख्या में अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने से नागरिको को जबरिया तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है.अमरावती संभाग के पांच जिलों में नायब तहसीलदार के 160 पद खाली रहने की जानकारी मिली है.
रिक्त पड़े सभी पद पर सेवा वरिष्ठ मंडल अधिकारी और वरिष्ठ लिपिक (बड़े बाबू ) श्रेणी से नियुक्ति करने को शासन द्वारा मान्यता दी जा चुकी है, लेकिन संभागीय आयुक्त कार्यालय के ढुलमुल रवैये के चलते और सरकारी तंत्र की कछुवा गति के कारण इन खाली पड़े स्थानों पर अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है.
संभाग के बुलढाणा,वाशिम,यवतमाल,आकोला और अमरावतीं में कुल 160 नायब तहसीलदार की जगह खाली पड़ी है.इस कारण मंडल अधिकारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ आ चुका है.मंडल अधिकारियों की कार्यक्षमता इससे प्रभावित हो रही है.योग्य अधिकारी न होने से सामान्य नागरिको के जरूरी काम प्रलंबित पड़े है.लोगो को अधिकारी नियुक्त हुआ अथवा नही यह देखने के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर पर चक्कर मारने पड़ रहे.मनुष्यबल के अभाव में संवैधानिक कार्य भी अधर में फंसे है.लोगो के काएम नही होने से शासन के प्रति लोगो मे रोष पनपने लगा है.निर्णय पर तत्काल अमल करने के लिए नायब तहसीलदार पद पर वरिष्ठ लिपिक (अव्वल कारकुन) और मंडल अधिकारियों को नियुक्त किये जाने की मांग महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग अधिकारी-कर्मचारी महासंघ की ओर से अध्यक्ष विजयकुमार चौरपगार, कार्याध्यक्ष बी.ए. राजगड़कर,महासचिव प्रल्हाद धुर्वे,कोषाध्यक्ष विश्वास दंदे, आदि द्वारा जिलाधीश को प्रेषित किये गए निवेदन में की गई है.
शासन का आदेश और मान्यता होने के बाद भी मंडल अधिकारी और वरिष्ठ श्रेणी लिपिकों को नायब तहसीलदार पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है.पिछले तीन माह से संभागीय आयुक्त कार्यालय में यह नियुक्ति लटकी पड़ी है.आयुक्त कार्यालय की लेटलतीफी के चलते नियुक्तियां नही हो पा रही है.इस संदर्भ में अनेक मर्तबा निवेदन दिए गए है.प्रशासन की उदासीनता के कारण मामला अधर में है.
-विजयकुमार चौरपगार,अध्यक्ष,महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग अधिकारी-कर्मचारी महासंघ अमरावतीं

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