बच्चों में बढ रहा दृष्टिदोष, अब स्कूलों में चश्मा भी मिलेगा
6 से 18 वर्ष आयु वाले विद्यार्थियों का समावेश, स्वास्थ्य विभाग का उपक्रम
अमरावती/दि.11 – सरकार द्बारा सभी सरकारी व अनुदानित शालाओं में 6 स 18 वर्ष आयु गुट वाले विद्यार्थियों की नेत्र जांच की जा रही है. जिसके बाद नेत्रदोष रहने वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क चश्मों का भी वितरण किया जाएगा.
बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहे इस हेतु शालेय पोषण आहार योजना के साथ ही स्वास्थ्य जांच अभियान भी चलाया जा रहा है. जिसके तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत सरकारी व अनुदानित शालाओं में जाकर बच्चों की नेत्रजांच हेतु जिले में अलग-अलग पथक गठित किए गए है. जिसमेें 1-1 महिला व पुरुष डॉक्टर के साथ ही अन्य कर्मचारियों का समावेश किया गया है. इस जांच अभियान के दौरान यदि किसी विद्यार्थी में नेत्रदोष पाया जाता है, तो उसे तुरंत ही नि:शुल्क चश्मा वितरीत किया जाएगा. साथ ही बच्चों की आंखों का ध्यान कैसे रखा जाए, इसे लेकर मार्गदर्शन भी किया जा रहा है.
* जिले में 1,580 सरकारी शालाएं
जिले में जिला परिषद की 1,280 शालाएं है, इसके अलावा नगरपालिका व महानगरपालिका की शालाओं को मिलाकर सरकारी शालाओं की संख्या 1,580 है. जहां पर नियमित अंतराल पर बच्चों की नेत्रजांच की जाती है.
* 365 अनुदानित शालाएं
जिले मेें लगभग 365 अनुदानित शालाएं है. सरकारी शालाओं के साथ-साथ इन अनुदानित शालाओं में विद्यार्थियों हेतु नेत्रजांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.
जिले के कई विद्यार्थियों को लाभ
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत जिले के 1 हजार से अधिक बच्चों को नि:शुल्क चश्में का लाभ मिला है.
* टीवी व मोबाइल की वजह से बढा दृष्टिदोष
कोविड व लॉकडाउन काल के दौरान छोटे-छोटे बच्चों के हाथों मेें ही ऑनलाइन पढाई के नाम पर मोबाइल आ गया. साथ ही छूट्टी के दौरान टीवी देखने का प्रमाण भी काफी हद तक बढ गया. जिसका सीधा असर बच्चों की आंखों पर हो रहा है.
* मैदानी खेल है जरुरी
बच्चोें ने मोबाइल व टीवी का प्रयोग केवल जरुरत के हिसाब से ही करना चाहिए और मैदानी खेलों की ओर ध्यान देना चाहिए. इससे शरीर स्वस्थ रहता है.
बाल स्वास्थ्य उपक्रम अंतर्गत 6 से 18 वर्ष आयु गुट वाले बच्चों की नेत्रजांच की जा रही है. यदि इसमें किसी बच्चे में दृष्टिदोष पाया जाता है, तो उसे तुरंत नि:शुल्क चश्मा दिया जाता है.
– डॉ. सुभाष ढोले,
अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी