जीएसटी अपील 24 अभय योजना को स्वीकृति
जीएसटी कौंसिल ने व्यापारी उद्योजकों को दी बड़ी राहत
* सांसद नवनीत राणा के नेतृत्व में केंद्रीय वित्तमंत्री को दिया था निवेदन
* वीटीपीए नागपुर एव अमरावती चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का प्रयास सफल
अमरावती/दि.10– जीएसटी यह नई कर प्रणाली रहने से एव इसके नियमावली में हो रहे नित नये बदलाव से करदाता एव कर सलाहगार दोनो ही परेशान थे . ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करने में भी शुरू में कई समस्याएं आ रही थी . ऐसे में छोटी-छोटी त्रुटियां होना साहजिक था . किंतु इसका बहोत बड़ा खामियाजा कर दाता को भुगतना पड़ रहा था और इसके अपील के प्रावधान में भी कुछ बड़ी अड़चने थी.इस संदर्भ में विभागीय जीएसटी कार्यालय के जेष्ठ अधिकारियों से यथासंभव व्हिटीपीए , अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एव अमरावती टैक्स बार एसोसिएशन ने समय समय पर कई प्रयास भी किये किंतु सफलता प्राप्त नही हो रही थी. तब यह बात समझ मे आयी कि इन कष्टपद मुद्दों से जनप्रतिनिधि को अवगत कराना चाहिए . इस तरह सांसद नवनीत राणा के साथ मीटिंग हुई और उन्होंने इस विषय की गम्भीरता को समझा कि किस तरह इसका आर्थिक नुकसान उद्योजक, व्यापारियों को हो रहा है . उन्हीके प्रयास से मा. केंद्रीय वित्तमंत्री के साथ दिल्ली में 3 अगस्त 2023 को मीटिंग तय हुई.
सांसद नवनीत राणा ने केंद्रीय वित्तमंत्री की अपॉइंटमेंट निश्चित की और व्हिटीपीए एव चेम्बर की जीएसटी समिति के सदस्योने जिसमें मुख्यतः सीए ललित तांबी एव सीए आदित्य खंडेलवाल ने इस क्षेत्र से जुड़े विदर्भ के अनुभवी जेष्ठ अधिवक्ताओ से तथा व्यापारी प्रतिनिधियों से परामर्श करके वास्तविकता से जुडी अड़चनों का गहन अध्ययन कर निवेदन तैयार किया .एव केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एव केंद्रीय वित्तराज्य मंत्री डॉ भागवत कराड के साथ दिल्ली स्थित संसद भवन कार्यालय में 3अगस्त 23 को सांसद नवनीत राणा की उपस्थिति में संपन्न मीटिंग में व्हिटीपीए के अध्यक्ष एड जगदीश शर्मा एव अमरावती चेंबर के अध्यक्ष विनोद कलंत्री ने अभय योजना की मांग को पुरजोर रख कर निवेदन सौपा. जिसमें मुख्यतः इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करवाया .
जीएसटी निर्धारण के ऑर्डर के खिलाफ अपील करने के लिए तीन माह का समय निर्धारित किया गया था . और विशेष परिस्थिति में अधिकतम एक महीने का विलंब मान्य किया जा सकता था. उसके बाद हाइकोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. चूंकि यह सब ऑनलाइन प्रक्रिया होने से अधिकतर व्यापारीयो के सज्ञान में असेसमेंट ऑर्डर आये नही इस वज़ह से वो समय पर अपील करने से वंचित रह गए. अब यदि मानलो दुबारा अपील करनी हो तो विवादित कर के दस प्रतिशत टैक्स डिपॉजिट करना अनिवार्य था. ऐसे में व्यापारियों की बड़ी रक्कम बेवजह ब्लॉक हो रही थी. कानून में अन्य प्रावधान नही रहने से व्यापारीयो के लिए यह विषय अत्यंत चिंतनीय एव क्लेषकारी हो गया था. इन सब बातों से हमने मा वित्तमंत्री को अवगत करवाया और उनके समक्ष व्यापारियों को नियमित होने हेतु अभय योजना की मांग रखी .उन्होंने भी सकारात्मक रुख अपनाते हुए हमें आश्वस्त किया. वीटीपीए एव अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा किये गए मांग की आखिरकार कल संपन्न हुई जीएसटी कॉन्सिल की मीटिंग में नोंद लेते हुए अभय योजना की घोषणा की गयी है . इस योजना से व्यापारी उद्योजकों को उनके प्रलंबित मामले निबटाने में बहोत बड़ी राहत मिलेगी अमरावती चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद कलंत्री, व्हिटीपीए नागपुर अध्यक्ष एड जगदीश शर्मा तथा अमरावती टैक्स बार के अध्यक्ष सीए जितेन्द्र खंडेलवाल ने मा. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, मा. वित्तराज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड एव सांसद नवनीत रवि राणा के प्रति आभार व्यक्त किया है.
* संसद के गलियारो मे सौंपे निवेदन से राहत मिली समूचे भारत को
1 जुलाई 2017 से जीएसटी अस्तित्व में आने के बाद से उसमे सैकड़ों बदलाव आए उनमें अपेक्षित सुधार की मांग को लेकर सांसद नवनीत राणा से जो कि केंद्र के वित्त विभाग की सदस्या भी है के समक्ष अमरावती चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के नेतृत्व में जीएसटी के त्रासदी के मुद्दे उपस्थित किये गए और उन्होंने भी उतनीही तत्परता से उन्हें आगे बढ़ाया और कई मसले तो संसद के पटल पर रख कर समूचे भारत के उद्योजकों को राहत दिलवाई जिसकी नोंद महाराष्ट्र की अग्रणी संस्था जिएसटीपीएम मुंबई, वेस्टर्न महाराष्ट्र टैक्स प्रेक्टिशनर पुणे के साथ ही आंध्र, तमिलनाडु, उत्तर भारत की भी कई संस्थाओं ने अभिनंदन करते हुए सांसद नवनीत राणा का उनके सहयोग के प्रति आभार व्यक्त कीया है.
आज प्राप्त हुई इस उपलब्धि का निवेदन सांसद नवनीत रवि राणा को 2 अगस्त को वीटीपीए अध्यक्ष एड जगदीश शर्मा एव अमरावती चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद कलंत्री ने संसद के गलियारों में सौंपा और उन्होंने उद्योजकों की भावनाओं का आदर कर 3 अगस्त की मीटिंग में वित्तमंत्री के समक्ष मांग का पुरजोर समर्थन किया.