
अमरावती/दि.5-कृषि निविष्ठा पर लगाया जाने वाला जीएसटी कम करने की अपेक्षा राज्य के आगामी बजट में किसानों ने व्यक्त की है. किसी भी कृषि उपज को गारंटी मूल्य अथवा इससे अधिक दाम नहीं मिलने से जीएसटी के बोझ से कृषि पर खर्च बढा है. इस खर्च को कम करने के लिए राज्य सरकार ने प्रावधान करना चाहिए, यह उम्मीद किसानों ने व्यक्त की है.
राज्य विधान मंडल का बजटीय अधिवेशन शुरु हो चुका है. राज्य का बजट 10 मार्च को पेश होने वाला है. इस बजट से किसानों ने काफी उम्मीदें व्यक्त की है. बुआई से लेकर तो कृषि उपज की विक्री तक लगने वाले कई टैक्स से किसानों का अर्थचक्र गडबडाया है. फसल लागत पर होने वाला खर्च बाजार में मिलने वाले कम दर के कारण कर्ज का बोझ बढ रहा है. कुलमिलाकर कृषि उपज की विक्री के बाद मुनाफा नहीं होता, जिससे कृषि व्यवसाय घाटे का व्यवसाय बन गया है, ऐसी प्रतिक्रिया किसानों ने व्यक्त की.
खाद, कीटनाशक, कृषि यंत्र सहित कृषि के लिए आवश्यक अन्य सभी सामग्री पर 5 से 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है. जिससे बुआई से विक्री इस प्रक्रिया तक खर्च का बोझ बढ गया है. कृषि निविष्ठाओं पर जीएसटी के कारण उत्पादन खर्च में प्रति हेक्टेयर 15 से 20 हजार रुपए बढ गए है. यह खर्च कम करने पर उत्पादन के खर्च में कटौति होगी, इसलिए राज्य सरकार ने जीएसटी कम करने की मांग जोर पकड रही है.
* कृषि निविष्ठा पर टैक्स (प्रतिशत)
रासायनिक खाद 5
सेंद्रिय खाद 12
कीटनाशक 18
तणनाशक 18
कृषियंत्र 12 से 18
कृषि पंप 18
छिडकाव पंप 12 से 18
ठिबक सिंचाई सामग्री 12
पीवीसी पाइप 12 से 18