व्यापारियों से सतर्कता बरतने का आवाहन
अमरावती/दि.17-अप्रैल महीने में जीएसटी का 1,87,000 करोड़ का रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ, बावजूद इसके अभी भी कुछ लिकेजेस की घटनाएं सामने आ रही है. ऐसा जीएसटी विभाग का मानना है. जीएसटी क्रमांक के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने और प्रमाणिकता से टैक्स का भुगतान करने वालों के लिए व्यवस्था को सुचारु करने के मुख्य उद्देश्य से जीएसटी विभाग ने नियमावली का अनुपालन एवं व्यवस्थापन अमल में लाने हेतु नियमों का पालन सही मायने में हो, इस उद्देश्य से जीएसटी विभाग अब सख्त हो गया है. 16 मई से 15 जुलाई 2023 तक सत्यापन (वेरिफिकेशन) अभियान का शुभारंभ मंगलवार को किया गया.
जीएसटी धारकों ने रजिस्ट्रेशन के वक्त जीएसटी विभाग को जो जानकारी एवं दस्तावेज दिए, उसका सत्यापन करना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है. हमारी छोटीसी त्रुटि हमें आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है. अतः हमें सतर्कता बरतना जरुरी है. ऐसा विदर्भ टैक्स प्रैक्टिशनर असोसिएशन नागपुर के अध्यक्ष एड. जगदीश शर्मा व अमरावती चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद कलंत्री ने जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा है.
ुउन्होंने कहा है कि जीएसटी क्रमांक के प्रमाणपत्र की मान्यता के लिए कुछ बिंदु प्रमुखता से चिन्हित किए हैं जो इस प्रकार है-
प्रतिष्ठान के बाहर दर्शनीय हिस्से में लगे हुए बोर्ड पर आपके फर्म के नाम और पते के साथ जीएसटी नंबर स्पष्ट अंकों में लिखा हुआ होना चाहिए, आपके कार्यस्थल पर जीएसटी सर्टिफिकेट यह व्यवस्थित लगा हुआ होना चाहिए, जीएसटी सर्टिफिकेट पर आपके हर गोदाम के कार्यस्थल का पता स्पष्ट रुप से लिखा हुआ होना चाहिए. यदि आप कुछ दिनों के लिए भी कोई गोदाम या दुकान व्यवसाय के उद्धिष्ट ेस लेते हैं तो उस जगह को लेते वक्त एवं छोड़ने की जानकारी आपके अपडेशन में रहनी चाहिए. ध्यान रहे, यदि आपका माल सार्वजनिक गोदाम मसलन सीडब्ल्युसी कोल्डस्टोरेज में रखा है या कृषि मंडी मे ंहो तो उसको अलग से दर्ज करना जरुरी नहीं है. यदि मंडी में अधिकृत जगह दी गई है तो उसकी जानकारी देना है, जगह यदि किराये की है तो उसका करारनामा या प्रमाणपत्र धारक के पास होना चाहिए, आप प्रमुखता से जिन वस्तुओं का व्यापार करते हैं, उसकी जानकारी विभाग को देना चाहिए. उसमें यदि नई चीजें जुड़ती है तो उसकी भी सूचना विभाग को देना चाहिए, जिन बैंक खातों से आप खरीदी-बिक्री का व्यवहार करते हैं, उन खातों की जानकारी भी अपडेट कनरा होगा, जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करते वक्त अधिकतर लोगों ने अपने वकील का ई-मेल और मोबाइल नंबर दिया है, अब उसे बदलकर जीेएसटी धारक को अपना नंबर देना जरुरी है, संवैधानिक परिवर्तन मसलन प्रोप्राइटर को पार्टनरशिप में परिवर्तित करना या पार्टनरशिप में बदलाव होना या किसी भागीदार की मृत्यु होना, ऐसी किसी भी परिस्थिति में डिपार्टमेंट को अवगत कराना अनिवार्य है.
उपरोक्त मुद्दों का अनुपालन करके मानसिक परेशानी एवं आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है. अतः व्यापारियों को सतकर्र्ता बरतनी चाहिए.